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फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर गिरेगी गाज, शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश

शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों से हुईं नियुक्तियों को लेकर विभाग हरकत में आ गया है. तीन सदस्यों की एक कमेटी प्रत्येक शिक्षक के दस्तावेजों की जांच करेगी.

शिक्षा विभाग

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Published : Aug 22, 2019, 2:47 PM IST

रुड़की: हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपाल सैनी द्वारा हाईकोर्ट के आदेश का संज्ञान लेते हुए हरिद्वार जिले के 32 शिक्षकों के सभी दस्तावेजों की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. ब्लॉक स्तर पर उपशिक्षा अधिकारी समेत तीन लोगों की कमेटी जांच करेगी. वहीं, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी पाने वाले शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर शिक्षा विभाग सैकड़ों शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

फर्जीवाड़ा कर नौकरी प्राप्त करने वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई.

बता दें कि हाई कोर्ट द्वारा जन याचिका की सुनवाई करते हुए एक शिक्षक के प्रमाण-पत्र की जांच के आदेश दिए गए थे जिसमें प्रमाण पत्रों में खामियां पाई गईं थी. जिसके बाद हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला हरिद्वार बेसिक से जुड़े सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.

यही नहीं शिक्षा विभाग को तत्काल इस मामले में एक कमेटी बनाकर सभी शिक्षकों की जांच के आदेश दिए गए हैं. जिसके बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ब्रह्मपाल सिंह सैनी द्वारा ब्लॉक स्तर पर तीन सदस्यों की एक कमेटी तैयार की गई है जो प्रत्येक शिक्षक के दस्तावेजों की जांच करेगी.

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वहीं, शिक्षा विभाग में नौकरी पाने से पहले जमा कराए गए सभी दस्तावेज उनकी जांच के घेरे में रहेंगे. इस कमेटी में उपशिक्षा अधिकारी ब्लॉक स्तर पर मौजूद रहेगा. यही नहीं कमेटी निष्पक्ष तरीके से सभी दस्तावेजों की जांच करेगी और उसका पूरा रिकॉर्ड जांच के बाद जिला शिक्षा कार्यालय में उपलब्ध कराया जाएगा.

इस जांच के आदेश के बाद सभी शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसे लोगों पर गाज गिर सकती है जिनके द्वारा सरकारी नौकरी पाने से पहले समकक्ष की डिग्रियां या यूं कहे कि शिक्षा विशारद की डिग्रियां शिक्षा विभाग में जमा कराई गईं थी. जिनके बाद से शिक्षक नौकरी पाकर मोटी कमाई कर रहे थे. अब ऐसे अध्यापकों का शिक्षा विभाग शिकंजा कसेगा. वहीं, जांच में दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज भी कराई जाएगी.

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