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दिव्यांग खिलाड़ी दिग्विजय सिंह को आचार्य बालकृष्ण ने किया सम्मानित, बना चुके विश्व रिकॉर्ड

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 24, 2023, 3:57 PM IST

Divyang Player Digvijay Singh लक्सर के खिलाड़ी दिग्विजय सिंह भले ही दिव्यांग हो, लेकिन अपने नाम कई रिकॉर्ड दर्ज करवा चुके हैं. कार और बाइक रेस की प्रतियोगिताओं में कई खिताब जीत चुके हैं. ऐसे में उनके हौसला हफजाई के लिए पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने उन्हें चेक देकर सम्मानित कया है.

Divyang Player Digvijay Singh
दिव्यांग खिलाड़ी दिग्विजय सिंह

लक्सरः मोटर स्पोर्ट्स में चार बार विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करने वाले दिव्यांग खिलाड़ी दिग्विजय सिंह को पतंजलि योगपीठ ने सम्मानित किया है. पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने दिग्विजय को 51000 रुपए का चेक दिया है. साथ ही भविष्य में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया.

बता दें कि दिव्यांग खिलाड़ी दिग्विजय सिंह लक्सर के दाबकी कला गांव के रहने वाले हैं. जो कार और बाइक रेसिंग के अलावा किक्रेट समेत दूसरी खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके हैं. दिग्विजय सिंह ने साल 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली गमबाल इंडिया 2020 कार रैली में कन्याकुमारी से आगरा तक की 3 हजार किमी की दूरी 58 घंटों में पूरी की थी. इस रेस को 60 घंटों में तय करनी थी. जिसे 58 घंटों में पूरा कर 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' अपने नाम किया.

इसके अलावा दिग्विजय ने कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की. जिसके चलते 4 बार विश्व रिकॉर्ड में उनके नाम दर्ज हो चुका है. सीएम पुष्कर सिंह धामी के अलावा कई मंचों पर उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. दिग्विजय सिंह दिव्यांग हैं, लेकिन उन्हें कार रेस, स्कूटर राइड का बेहद शौक है. उन्होंने कई बार कार रेस और स्कूटर राइडिंग में कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत हासिल की है.
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हाल ही में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत इंटरनेशनल राइड आयोजित की गई थी. इंटरनेशनल राइड नई दिल्ली से नेपाल तक थी. जिसकी दूरी करीब 2,609 किलोमीटर थी. इसमें उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बनाया था. इस प्रतियोगिता के बाद उनका नाम विश्व रिकॉर्ड बुक में दर्ज होने के लिए भेजा गया था. अब उनका नाम विश्व रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया है. जिस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें अपने आवास पर बुलाकर सम्मानित किया था.

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