हरिद्वार: उत्तराखंड सरकार ने 2016 में गंगा को एस्केप चैनल घोषित करने का जो शासनादेश दिया था, उसे निरस्त कर दिया गया है. इसको लेकर अब तमाम संगठन और राजनीतिक पार्टियां श्रेय लेने में जुट गई हैं. आम आदमी पार्टी ने इस शासनादेश को निरस्त करने के पीछे अपना संघर्ष बताया.
गंगा एस्केप चैनल शासनादेश निरस्त करने में AAP का संघर्ष- मोहनिया - Ganges scape channel government
गंगा को एस्केप चैनल घोषित करने के शासनादेश को निरस्त करने के बाद अब आम आदमी पार्टी इसका श्रेय लेने में जुट गई है. इस शासनादेश को निरस्त करने के पीछे प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने आम आदमी पार्टी का संघर्ष बताया है.
सोमवार को हरकी पैड़ी पर उत्तराखंड आप पार्टी प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने हवन यज्ञ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी गंगा के सम्मान की लड़ाई काफी समय से लड़ रही थी और अब जाकर पार्टी को इसमें सफलता मिली है. पुण्यदायिनी मां गंगा को अपना स्वरूप वापस मिला है. यह हिंदुओं की भावनाओं को पूर्ण करने वाला फैसला है. पिछली सरकार में इसको एक एस्केप चैनल का नाम दिया गया था, जो गलत फैसला था. वर्तमान सरकार ने इस फैसले को ठीक किया है. यह आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत है.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा गंगा किनारे 200 मीटर के दायरे में भवन निर्माण को हटाने का आदेश दिया गया था. तब तत्कालीन हरीश रावत सरकार भवनों को टूटने से बचाने के लिए गंगा को एस्केप चैनल घोषित करने का शासनादेश लायी थी. इस सवाल पर दिनेश मोहनिया कन्नी काटते नजर आए. उन्होंने कहा कि गंगा के सम्मान की भी रक्षा हो और जो लोग यहां पर जीवन यापन कर रहे हैं, उनका भी ख्याल रखना चाहिए. जब भी कोई कानून बनाया जाए तो इंसान की जरूरत के हिसाब से बनाया जाए. इसके लिए भी सरकार को कोई रास्ता निकालना चाहिए. दिनेश मोहनिया ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले 4 दिन में इस शासनादेश को निरस्त करने की बात कही थी, लेकिन इसको निरस्त करने में 4 साल लग गए. जब आम आदमी पार्टी और संत समाज ने उन पर दबाव बनाया तब यह शासनादेश वापस लिया गया.