देहरादून/हरिद्वार/मसूरी/हल्द्वानी/अल्मोड़ा : गंगा स्कैप चैनल शासनादेश को रद्द करने के मामले को लेकर आप फ्रंटफुट पर है. त्रिवेंद्र सरकार आप के प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ इस मामले में पहले ही नोटिस जारी कर चुकी है. जिसके विरोध में आज प्रदेश भर में आप कार्यकर्ताओं ने त्रिवेंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. देहरादून,हरिद्वार,हल्द्वानी, मसूरी सभी जगहों पर आप कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने स्कैप चैनल वाले शासनादेश को रद्द करने की मांग भी की.
आम आदमी पार्टी गंगा स्कैप चैनल शासनादेश रद्द करने की मांग को लेकर देहरादून की धर्मपुर विधानसभा में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. आम आदमी पार्टी के नेता संजय भट्ट ने कहा गंगा मां अरबों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक रही है. ऐसे में पूर्व की कांग्रेस सरकार और वर्तमान में राज्य की सत्ता संभाल रही बीजेपी सरकार गंगा के नाम से छेड़छाड़ कर अधर्म और पाप करने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गंगा को स्कैप चैनल घोषित करके गलती की तो वहीं वर्तमान भाजपा सरकार गंगा को सम्मान देने से पीछे हट रही है. आम आदमी पार्टी ने सरकार को चेतावनी देते कहा कि जब तक हर की पैड़ी पर मां गंगा का नाम स्कैप नहर, देवधारा की जगह गंगा नहीं किया जाता तब तक आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतर कर आंदोलन करती रहेगी.
हरिद्वार में आप कार्यकर्ताओं ने भगत सिंह चौक से चंद्राचार्य चौक तक मार्च कर प्रदर्शन किया. इस दौरान आप कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड बाल संरक्षण अधिकार द्वारा भेजे गए नोटिस की प्रतिलिपि जलाते हुए अपना विरोध दर्ज किया. प्रदेश प्रवक्ता हेमा भण्डारी ने बताया कि आम आदमी पार्टी पिछले कई दिनों से मां गंगा को स्कैप चैनल घोषित करने वाले शासनादेश को रद्द करने की मांग कर रही है. जिसके लिए पूरे प्रदेश में आंदोलन चलाए जा रहे है. उससे भयभीत होकर प्रदेश सरकार ने हमारे प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस भेजकर अपनी मानसिकता को दर्शाया है. उन्होंने कहा आम आदमी पार्टी ऐसे नोटिस और मुकदमों से डरने वाली नहीं है.
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वहीं, पूर्व जिला सचिव अनिल सती ने बताया कि आज बीजेपी ने नोटिस भेजकर ये साबित कर दिया कि इनकी कथनी और करनी में कितना फर्क है. गाय ,गंगा और हिंदुत्व की बात करने वाली बीजेपी सरकार के कार्यकाल को साढ़े तीन साल से भी अधिक का समय बीत चुका है पर सरकार इस मामले में मूक दर्शक बन बैठी है. तीर्थ पुरोहित समाज पिछले 20 दिनों से इसके लिए अनशनरत है परंतु बीजेपी का कोई विधायक, मंत्री, सांसद उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है.
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