हरिद्वार/ऋषिकेशःउत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस हमलावर हो गई हैं. हरिद्वार में आप के कार्यकर्ताओं ने मदन कौशिक के खन्ना नगर स्थित कार्यालय का घेराव कर सीबीआई जांच की मांग की. साथ ही जमकर विरोध प्रदर्शन किया. हंगामा बढ़ता देख पुलिस सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर थाने ले गई. उधर, कांग्रेस ने मदन कौशिक का पुतला फूंककर प्रदेश अध्यक्ष व विधायकी से बर्खास्त करने की मांग की है.
ये है मामला
बता दें कि देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि साल 2010 में तत्कालीन विधायक मदन कौशिक की ओर से विधायक निधि से डेढ़ करोड़ की लागत से 16 पुस्तकालय बनाने के लिए पैसा आवंटित किया. पुस्तकालय बनाने के लिए भूमि पूजन से लेकर उद्घाटन और फाइनल पेमेंट तक हो गई. आज तक धरातल पर किसी भी पुस्तकालय का निर्माण नहीं हुआ है.
पुस्तकालयों के निर्माण को लेकर भी विवाद हुआ था. उन पर घोटाले के आरोप भी लगे थे. जिसकी क्षतिपूर्ति जिला अधिकारी और अन्य अधिकारियों के वेतन से की गई थी. पुस्तकालय निर्माण का यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. याचिकाकर्ता सच्चिदानंद डबराल ने उक्त घोटाले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर हाईकोर्ट नैनीताल में अपील की है.
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याचिकाकर्ता सचिन डबराल का कहना है कि जनता का पैसा जनता के लिए खर्च होना चाहिए. पुस्तकालय का निर्माण ऐसे लोगों के लिए होना चाहिए था जो लोग पुस्तकालय में जाकर पठन-पाठन का कार्य कर सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. अब मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार, हरिद्वार विधायक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, हरिद्वार के पूर्व डीएम, सीडीओ समेत ग्रामीण अभियंत्रण सर्विस के अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी किया है.
AAP ने मदन कौशिक के कार्यालय का किया घेराव
आम आदमी पार्टी मामले को लेकर हमलावर हो गई है. इसी कड़ी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के हरिद्वार खन्ना नगर स्थित कार्यालय का घेराव किया और जोरदार नारेबाजी कर सीबीआई जांच करने की मांग की. आप प्रदेश उपाध्यक्ष ओपी मिश्रा ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है, जब क्षेत्रीय विधायक और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पर आरोप लगे हों. पूर्व में भी मदन कौशिक के खिलाफ शहरी विकास मंत्री रहते हुए कुंभ में भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में भी गंभीर आरोप लग चुके हैं. ऐसे में पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए.