हरिद्वार:योगगुरु स्वामी रामदेव ने हरिद्वार स्थित पतंजलि वैलनेस सेंटर, पतंजलि योगपीठ-।। में योग कर 8वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया. इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि योग का पर्याय है, पूरा देश और विश्व योगमय बने, यही हमारा संकल्प है. उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में आजादी के अमृत महोत्सव और 8वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 75 हेरिटेज स्थानों पर लोग एकसाथ एकरूपता से योग कर एकजुटता का संदेश दे रहे हैं.
बाबा रामदेव ने कहा कि योग कोई पूजा-पाठ नहीं हमारे पूर्वजों की विद्या है. इससे शारीरिक, मानसिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक जो भी मांगें हैं, भूख है वो पूरी होती हैं. हम बीपी, शुगर, थायराइड, अर्थराइटिस, अस्थमा आदि दुसाध्य रोगों को नियंत्रित व क्योर (Cure) कर सकते हैं. इतना ही नहीं सब व्याधियों से मुक्त होकर, व्याधियों की समाप्ति कर समाधि की प्राप्ति कर सकते हैं.
स्वामी रामदेव ने कहा कि कुछ लोगों ने भ्रान्ति फैलाई कि योग केवल कन्दराओं में रहने वाले योगियों को करना चाहिए. कुछ लोगों ने भ्रान्ति फैलाई कि अमुक धर्म के लोगों को योग नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब 177 देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का समर्थन किया तो उसमें कम्यूनिस्ट देशों के साथ साथ इस्लामिक, क्रिश्चियन देश भी थे. सब राष्ट्र अध्यक्षों ने माना कि योग कोई मजहबी विद्या नहीं है बल्कि आरोग्य की आत्मनिर्भरता का सूत्र है.
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शांतिकुंज में भी मनाया गया योग दिवस:हरिद्वार में गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साह के साथ मनाया गया. इस मौके पर सभागार में आयोजित कार्यक्रम का देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या एवं वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि योग केवल तन और मन को पुष्ट ही नहीं करता है, बल्कि यह हमारी मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए प्रगति के द्वार भी खोलता है.