हरिद्वार: हरिद्वार से शनिवार को अपहृत 8 माह के बच्चे (8 month old child missing from Jwalapur area) को पुलिस ने स्थानीय पत्रकार नरेश तोमर की मदद से सकुशल बरामद कर लिया है. इसके साथ ही पुलिस ने पूरे मामले में सात लोगों को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने बच्चे को ढाई लाख रुपए में बेच दिया था. एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपए भी ले लिए थे. लेकिन, इससे पहले पत्रकार के पास एक फोन कॉल की बदौलत सभी आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए.
रविवार दोपहर एसएसपी अजय सिंह को स्थानीय पत्रकार नरेश तोमर ने सूचना दी कि उनके पास एक महिला का फोन आया है, जो बच्चे के बारे में जानकारी देना चाहती है. उन्होंने एसएसपी को यह भी बताया कि बच्चा उस महिला के पास ही है. जिसके बाद एसएसपी ने तत्काल रोड़ी बेलवाला चौकी प्रभारी को पुलिस फोर्स के साथ भूपतवाला इलाके में स्थित भारत माता मंदिर के पास मौजूद एक चाय की दुकान पर भेजा. जहां से पुलिस ने न केवल बच्चा बरामद किया, बल्कि मौके से दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया.
महिलाओं से पूछताछ में कड़ियां जुड़ती गई और पुलिस ने पूरे मामले में मां-बेटी सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक आरोपी बच्चे को ढाई लाख रुपए में बेच रहे थे और एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपए भी ले भी लिए गए थे. पूरे मामले में पुलिस ने बच्चा खरीदने वाले हरिद्वार के व्यापारी को भी गिरफ्तार कर लिया है.
ऐसे बनाई गई थी अपहरण की योजना:अपर रोड पर कपड़े की दुकान चलाने वाला संजय की कोई संतान नहीं है. उसने अपनी परिचित आंगनबाड़ी वर्कर रुबी से बच्चा दिलाने के लिए कहा. रुबी ने अपनी जानकार आशा से इस बारे में बात की, जिसके बाद आशा की साथी सुषमा ने अपनी समधन अनीता और उसकी मुंह बोली बेटी किरन के साथ मिलकर पड़ोस में रहने वाले रविंद्र और राखी के मासूम बेटे शिवांग का अपहरण करने का ताना-बाना बुना. रविंद्र का घर किरन के घर से बिलकुल सटा हुआ था, इसलिए मौका लगते ही वह बच्चे को उठाकर ले आई. जिसके बाद उसने बच्चा सुषमा को सौंप दिया.
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सुषमा बच्चे को लेकर जटवाड़ा पुल पहुंची. जहां उसने बच्चा किरन की मां अनीता को सौंप दिया. इसके बाद दोनों ने रुबी और आशा को बताया कि काम हो गया है. ग्राहक को बुला लीजिए. बाद में बहरादराबाद क्षेत्र के बढेड़ी राजपूतान स्थित एक पेट्रोल पंप के पास उनकी मुलाकात संजय से हुई. जहां उन्होंने बच्चा उसे सौंप कर 50 हजार रुपए ले लिये. बाकी दो लाख रुपए संजय ने बाद में देने की बात कही. इसके बाद संजय बच्चे को लेकर हरिपुर कला एक गेस्ट हाउस में ले गया.