हरिद्वारःशांतिकुंज स्वर्ण जयंती (Shantikunj Golden Jubilee) वर्ष व्याख्यान माला की श्रृंखला में देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर में पर्यावरण संरक्षण एवं 600वां रविवारीय वृक्षारोपण (Environmental Protection and Plantation of 600th Sunday) समारोह आयोजित किया गया. समारोह में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार मुख्य अतिथि (Sudhir Mungantiwar Chief Guest) के रूप में पधारे. विश्वविद्यालय आगमन पर सबसे पहले उन्होंने विश्वविद्यालय के नैसर्गिक एवं दिव्य वातावरण में वृक्षारोपण का संपन्न किया.
वहीं, इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी शामिल होना था. लेकिन दिल्ली से लौटते समय हेलीकॉप्टर में आई खराबी के कारण वह इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए. जिस पर उन्होंने अपना वीडियो संदेश विश्वविद्यालय को भेजा. संदेश में उन्होंने वृक्षारोपण कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी और उपस्थित न होने पर खेद प्रकट किया.
शांतिकुंज में मनाया गया 600वां वृक्षारोपण समारोह. बता दें गायत्री परिवार यूथ ग्रुप कोलकाता द्वारा लगातार 600 रविवारों से देश के विभिन्न हिस्सों में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस अभियान के अभिनंदन में विश्वविद्यालय के मृत्युंजय सभागार में रविवार को 'पर्यावरण संरक्षण एवं 600वां रविवारीय वृक्षारोपण समारोह' का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंड्या ने गायत्री परिवार यूथ ग्रुप, कोलकाता से आए सभी परिजनों का स्वागत किया एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में इस क्रांतिकारी अभियान को चलाने के लिए सभी का हार्दिक अभिनंदन किया.
ये भी पढ़ेंः हरिद्वार से चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का जत्था रवाना, ट्रैवल कारोबारियों ने जताई खुशी
इसी क्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे जनप्रतिनिधि सुधीर मुनगंटीवार ने अपने संबोधन में कहा कि गायत्री परिवार यूथ ग्रुप कोलकाता द्वारा लगभग 12 सालों की कठिन तपस्या से मां वसुंधरा (मां धरती) को सुंदर बनाने एवं उनका कर्ज चुकाने के लिए चलाया जा रहा यह अभियान अत्यंत सराहनीय है. उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय का दिव्य वातावरण ने मेरे अंतःकरण को प्रभावित किया है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलाधिपति डॉ प्रणव पंड्या ने कहा कि वृक्षारोपण का यह पुनीत अभियान परम पूज्य गुरुदेव पंडित राम शर्मा आचार्य के 7 आंदोलनों में से एक 'पर्यावरण संरक्षण' को विशेष बल देता है. हमारे विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को इस आंदोलन के माध्यम से प्रेरणा लेनी चाहिए.