हरिद्वार:रूस-यूक्रेन जंग के बीच फंसे भारतीयों को ऑपरेशन गंगा के तहत निकाला जा रहा है. अभी भी कई भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जिसमें उत्तराखंड के छात्र भी शामिल हैं. इसी बीच हरिद्वार के 26 छात्र भी यूक्रेन से जैसे-तैसे अपने घर पहुंचे हैं. यूक्रेन से लौटे छात्रों ने ईटीवी भारत से अपनी आप बीती बताई.
यूक्रेन से लौटे छात्रों का कहना है कि वे इस मंजर को कभी नहीं भूल पाएंगे. यूक्रेन के इवानो फ्रेंकइव्स सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे आयुष कुमार भी घर पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि रूस के हमले के बाद वहां पर हालात बहुत खराब हैं. उन्होंने तो घर आने की उम्मीद ही खो दी थी. फिर उन्हें अपने माता-पिता का ख्याल आया. जिसके बाद आयुष ने फिर से हिम्मत जुटाई और जैसे-तैसे वे अपने घर हरिद्वार पहुंचे.
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वहीं इवानो फ्रेंकइव्स सिटी में ही 3 महीने पहले गई फर्स्ट ईयर की छात्रा मानसी भी काफी सहमी हुई हैं. मानसी जैसे ही घर पहुंची तो मां भावुक हो गई और बेटी को अपने सीने से लगा दिया. यूक्रेन से लौटे छात्रों के माता-पिता ने भारत सरकार का धन्यवाद किया है.
इसी में एक और नाम शामिल है, हरिद्वार के वैभव सैनी का है. वैभव सैनी भी यूक्रेन के खारकीव शहर में पढ़ते हैं. वहां पर भारतीय छात्रों को सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. शनिवार को वैभव सैनी जैसे ही दिल्ली से हरिद्वार बस स्टैड पहुंचे तो मां-पिता ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया. बेटे को सुरक्षित सामने देखकर माता-पिता और परिवार के दूसरे सदस्यों की जान में जान आई. वैभव ने बताया कि खारकीव में हालात काफी खराब हैं. जंग के हालातों से निकलकर घर पहुंचना एक सपना सच होने के बराबर लग रहा है.
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हरिद्वार एडीएम वीएस बुदियाल ने बताया कि हरिद्वार जिले के अब तक 26 छात्र-छात्राएं सकुशल वापस आ चुके हैं. बाकी सभी छात्रों को वापस लाने के लिए भी शासन और प्रशासन के अधिकारी तत्परता से लगे हुए हैं.
लक्सर के परमेश्वर लौटे घर. लक्सर के रहने वाले परमेश्वर भी यूक्रेन में फंसे हुए थे. शनिवार को वो भी घर पहुंचे गए है. परमेश्वर जैसे ही अपने गांव गोर्धनपुर पहुंचे तो परिजनों ने उनका स्वागत किया. परमेश्वर ने बताया कि वो कीव शहर में थे, रूस के हमले के बाद वहां पर काफी डर का माहौल था. कीव से भारत आने तक उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. लक्सर के एसडीएम वैभव गुप्ता ने बताया कि लक्सर तहसील क्षेत्र के चार छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे, जिसमें से परमेश्वर ही अभीतक अपने घर लौटे थे. बाकी को लाने का भी प्रयास किया जा रहा है.