देहरादून:वन्यजीव प्रेमियों के लिए राहत भरी खबर है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के आदेश के बाद राज्य सरकार ने करीब दो महीने की बंदी के बाद संरक्षित वन क्षेत्रों और चिड़ियाघरों को 30 जून से खोल दिया है. ऐसे में अब वाइल्डलाइफ टूरिज्म के सेक्टर में एक बार फिर तेजी आने की उम्मीद है.
बता दें, उत्तराखंड में पर्यटकों के लिए महज पहाड़ और हरियाली ही आकर्षण का केंद्र नहीं रहे हैं. राज्य में ऐसी कई एक्टिविटीज की जाती हैं, जिनमें शामिल होने के लिए देश और विदेश के पर्यटक भी उत्तराखंड की तरफ खिंचे चले आते हैं. इसमें तीर्थाटन का अहम रोल है तो वाइल्ड लाइफ पर्यटन भी अपना एक अलग स्थान रखता है.
कोरोना की वजह से किया गया था बंद
साल 2020 में कोरोना की एंट्री के साथ ही देश भर की तरह राज्य के संरक्षित वन क्षेत्र भी बंद कर दिए गए थे, हालांकि पहली लहर के कम होते ही इन क्षेत्रों को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था, लेकिन दूसरी लहर की शुरूआत के साथ ही फिर से संरक्षित वन क्षेत्रों के साथ ही चिड़ियाघर को भी बंद कर दिया गया था. अब करीब 2 महीने बाद फिर से संरक्षित वन क्षेत्र और चिड़ियाघर पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं.
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चिड़ियाघर खुलते ही लोगों के चेहरे खिले
देहरादून का चिड़ियाघर भी बुधवार को पर्यटकों से गुलजार रहा. खास बात यह है कि यहां पर अधिकतर पर्यटक प्रदेश से बाहर के ही दिखाई दिए. हालांकि, इस दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन को बेहद सख्ती के साथ फॉलो भी करवाया गया. पर्यटकों को एक बार फिर चिड़ियाघर में देख कर चिड़ियाघर प्रशासन ने खुशी जाहिर की. देहरादून चिड़ियाघर के वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह रावत ने कहा कि चिड़ियाघर खुलने से राहत महसूस हुई है.
वहीं, पिछले कई महीनों से घरों में कैद बच्चे और लोग भी घरों से बाहर निकलकर वन्यजीवों को देखकर खासे खुश दिखाई दिए. लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मौजूदा कोविड-19 के हालातों के बीच इस तरह सुंदर नजारों के साथ ही वन्यजीवों को भी देख पा रहे हैं. पर्यटकों ने चिड़िया घर की साफ-सफाई से लेकर यहां पर वन्यजीवों के रखरखाव को लेकर भी खासी तारीफ की.