देहरादून:भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की जा रही अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का विरोध उत्तराखंड में भी शुरू हो गया है. उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में सैकड़ों युवाओं ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का पुरजोर विरोध किया है.
खटीमा में बढ़ा विरोध:सबसे पहले उधम सिंह नगर जिले के खटीमा से विरोध प्रदर्शन की खबर सामने आई. यहां सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने नगर में जुलूस निकाला और विरोध जताया. युवाओं ने खटीमा तहसील पहुंचकर प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा और इस योजना को जल्द से जल्द वापस लिए जाने की मांग की.
उत्तराखंड में अग्निपथ का विरोध. इस मौके पर आक्रोशित युवाओं ने कहा कि पूरे देश में युवा सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं. देशभर का युवा सरकार से मांग करता है कि इस योजना को जल्द से जल्द वापस लिया जाए. युवाओं का कहना है कि पिछले 2 साल से वह सेना भर्ती की लिखित परीक्षा का भी इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने लिखित परीक्षा को रद्द कर पूरे देश में अग्निपथ योजना को लागू कर दिया है जो कि देश के युवाओं के विरोध में है.
पिथौरागढ़ में चक्का जामः उधर सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में भी अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. युवाओं ने बड़ी तादाद में इकट्ठा होकर सिल्थाम तिराहे पर चक्का जाम किया. सिल्थाम तिराहे पर जाम लगने से रई, चंडाक, वड्डा और रोडवेज स्टेशन में सैकड़ों वाहन फंस गए. बच्चों को स्कूल ले जा रही तमाम बसें भी जाम में अटक गई. धारचूला, डीडीहाट, थल, मुनस्यारी से आ रहे वाहनों की लंबी कतारें सड़कों पर लग गई.
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युवाओं ने अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए कहा कि सरकार युवाओं के हाथों से रोजगार का एक बड़ा साधन छीन रही है. युवाओं के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे. युवाओं को किसी तरह शांत कराकर जाम खुलवाया गया. जाम खोलने के बाद युवाओं ने नगर में विशाल जुलूस निकाला और कलेक्ट्रेट के समक्ष जोरदार प्रदर्शन कर अग्निपथ योजना को वापस लिए जाने की मांग की.
'अग्निपथ' पर चलने से युवाओं का इनकार:बागेश्वर जिले के युवाओं ने भी जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान युवाओं ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ज्ञापन भेजकर आर्मी परीक्षा जल्द करवाने और अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की है. प्रदर्शनकारियों ने कहा केंद्र सरकार अग्निपथ योजना लाकर युवाओं के भविष्य को अंधकारमय करने का कार्य कर रही है. जिस उम्र में युवाओं को रोजगार करना चाहिए, इस योजना के तहत उस उम्र में युवाओं को घर भेज दिया जाएगा. इस योजना से सेना की साख पर भी असर पड़ेगा.
युवाओं ने कहा कि दो वर्ष पूर्व सेना की फिजिकल और मेडिकल की परीक्षा के बाद वो लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे थे. अब सरकार ने नई योजना लाकर उस परीक्षा को निरस्त कर दिया है. ये युवाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ है, जिसे किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. युवाओं ने जल्द लिखित परीक्षा कराने की मांग की. इसके साथ ही अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिए जाने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
राजधानी पहुंची विरोध की आंचःअग्निपथ योजना विरोध की आंच उत्तराखंड की राजधानी देहरादून भी पहुंच गई है. देहरादून में युवाओं ने घंटाघर से लेकर परेड ग्राउंड तक जुलूस निकाला. देहरादून में युवाओं ने भाजपा की ओर से शहर के विभिन्न इलाकों में लगाए गए पोस्टरों, बैनरों को फाड़ डाला और केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बेरोजगार संगठन से जुड़े युवाओं का कहना है कि यह रोजगार के नाम पर एक छलावा है. इस स्कीम के 4 वर्ष बाद युवा बेरोजगार हो जाएंगे.
देहरादून और काशीपुर में विरोध प्रदर्शन. काशीपुर में अग्निपथ के खिलाफ प्रदर्शनः उधमसिंह नगर के काशीपुर में भी अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं ने प्रदर्शन कर विरोध जताया. युवाओं ने तत्काल योजना को समाप्त करने की मांग की. युवा काशीपुर उप जिलाधिकारी कार्यालय पर एकत्र हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो युवा आंदोलन और उग्र करेंगे. एसडीएम अभय प्रताप सिंह को दिए ज्ञापन में युवकों ने पुरानी भर्ती प्रक्रिया को फिर से लागू करने, पिछली भर्ती की परीक्षा तुरंत करवाने, तीन साल उम्र में छूट दिए जाने की केंद्र सरकार से मांग की.
आप ने साधा निशानाःअग्निपथ योजना को लेकर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. आप का कहना है कि 21 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट देने वाली भाजपा पहली सरकार बन गई है. आप का कहना है कि देश की मोदी सरकार युवाओं को छलने का काम कर रही है. भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार के नाम पर ठगकर उन्हें पंगु बना रही है.
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भारतीय सेना में उत्तराखंड की भागीदारीःभारतीय सेना में उत्तराखंड के जवानों की तादाद काफी ज्यादा है. आजादी के बाद से ही भारतीय सेना में उत्तराखंड की भागीदारी रही है. यही कारण है कि कई बड़े सैन्य अधिकारी आज भी भारतीय सेना में उच्च पदों पर विराजमान हैं या तो देश सेवा से रिटायर्ड हो चुके हैं. इसके अलावा गढ़वाल और कुमाऊं रेजिमेंट के नाम कई उपलब्धियां भी हैं. इसलिए खास बात ये भी है कि उत्तराखंड में पांचवां धाम सैन्य धाम भी बनाया जा रहा है, जिसकी नींव रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 दिसंबर 2021 को रखी है. 50 बीघा भूमि पर सैन्यधाम को 63 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है.
उत्तराखंड में हैं तीन रेजीमेंट:उत्तराखंड में सेना की तीन रेजीमेंट हैं. पौड़ी गढ़वाल जिले के लैंसडाउन में गढ़वाल रेजीमेंट का हेड क्वार्टर है. अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में कुमाऊं रेजीमेंट का हेड क्वार्टर है. नागा रेजीमेंट का हेड ऑफिस अल्मोड़ा में है.
क्या है अग्निपथ योजनाःकेंद्र सरकार ने बीती 14 जून को एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च की. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को मंजूरी दी. इसमें अग्निवीर (Agniveer) युवाओं को कम उम्र में सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के काबिल भी बनाया जाएगा. इस दौरान उन्हें शानदार वेतन भी मिलेगा. पहले साल 46 हजार युवक-युवतियों की भर्ती जाएगी. यहां संख्या हर साल कम या ज्यादा हो सकती है. यह योजना सेना भर्ती रैलियों की जगह लेगी.
अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने के मानदंड?इच्छुक युवक-युवती का भारतीय नागरिक होना जरूरी है. आवेदक की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के मध्य होना चाहिए. साथ ही आवेदक उम्मीदवार का 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है. जो 10वीं पास होंगे, उन्हें प्रशिक्षण के दौरान कक्षा 12वीं पढ़ाई भी कराई जाएगी. चार साल के कार्यकाल में पहले छह महीने ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद सेना के जवानों के साथ देश सेवा का मौका मिलेगा.
वहीं, अग्निवीरों का चार वर्षीय सेवाकाल खत्म होने के बाद वे इच्छानुसार रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकेंगे. रेगुलर काडर में कुल अग्निवीरों में से अधिकतम 25 फीसदी को जगह मिलेगी. प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद घर भेज दिया जाएगा. जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें स्वरोजगार के काबिल बनाया जाएगा. साथ ही सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही अग्निवीर को पूर्व सैनिक कोटे का भी लाभ मिलेगा.