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उत्तराखंड के लोकगीतों को नई पहचान दे रहे युवा, कार्यक्रम में पहाड़ी गानों और डांस से बांधा समां

उत्तराखंड के पहाड़ी यानि गढ़वाली और कुमाउंनी गानों की युवाओं द्वारा देहरादून में प्रस्तुती दी गई. जिसमें प्रदेश के कई कलाकारों ने पहाड़ी लोकगीतों और गानों से सभी दर्शकों का मन मोह लिया.

युवा कलाकरों ने पहाड़ी गानों और नृत्य से बांधा समां

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Published : Jul 26, 2019, 9:05 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की संस्कृति और लोकगीतों को एक नई पहचान दिलाने के लिए प्रदेश के युवा कलाकार भी अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं. इसी के चलते देहरादून के मसूरी रोड़ स्थित एक निजी शॉपिंग कांप्लेक्स के बाहर उत्तराखंड के युवा कलाकारों द्वारा कई लोकप्रिय पहाड़ी गीतों की शानदार प्रस्तुतियां दी गईं.

कार्यक्रम के संयोजक रमन शैली ने कहा कि आज के दौर में उत्तराखंड के लोग अपने पहाड़ी गीतों को भूलकर शादी-पार्टियों में बॉलीवुड या पंजाबी गानों पर थिरकना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. ऐसे में इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के लोकगीतों और संस्कृति को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाना है. इसके साथ ही यह भी प्रयास किया जा रहा है कि पहाड़ी गानों और उसकी संस्कृति को देश-विदेश में एक नयी पहचान दी जाए.

युवा कलाकरों ने पहाड़ी गानों और नृत्य से बांधा समां

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बता दें कि इस मौके पर प्रदेश के कई युवा कलाकारों ने अपने गानों और डांस से सभी का मन मोह लिया. इन कलाकारों में गढ़वाली रैपर सूरज त्राटक, बीट बॉक्सर अंकित चमोली, टीम टोरनेडो से सचिन रौतेला, अमित कैंतुरा, अनिरुद्ध चौधरी, युवा गायक रोहित चौहान, अंकित रावत और डांसर सपना शामिल रहे.

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