देहरादून: कोरोना वायरस की दूसरी लहर में युवाओं के लिए नया स्ट्रेन घातक साबित हो रहा है. इसकी एक वजह युवाओं की तरफ से बरती जाने वाली लापरवाही भी है. ऐसे में वायरस का नया स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है. अप्रैल महीने में संक्रमण से हुई मौतों में से 190 के करीब मृतक 50 साल से कम उम्र के हैं.
वहीं, राजधानी देहरादून के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में करीब 400 संक्रमित मरीजों का उपचार चल रहा. अस्पताल के पीआरओ महेंद्र भंडारी के अनुसार संक्रमित मरीजों में से करीब 60 प्रतिशत मरीज युवा हैं.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ चिकित्सक
कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन और मुख्यमंत्री के डॉक्टर एनएस बिष्ट का कहना है कि इस बार युवाओं में बड़ी तेजी से संक्रमण फैला है. इसका मुख्य कारण युवाओं की तरफ से बरती गयी घोर लापरवाही है. उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार के लिए माइग्रेशन भी करना पड़ता है. ऐसे में युवा बड़ी तेजी से संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में आ रहे हैं. उन्होंने बताया अधिकतर युवा 25 से 35 आयु वर्ग के हैं. इस आयु वर्ग के युवाओं में कोरोना बड़ी तेजी से फैल रहा है.
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क्या कहती है सलाहकार समिति
इधर कोविड-19 से जुड़ी सलाहकार समिति ने भी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. समिति के अध्यक्ष और एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हेमचंद्र और दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने रिपोर्ट में बताया कि 3 दिन के भीतर दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में 37 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई. जिसमें 50 वर्ष से कम आयु के 10 मरीज, जबकि 51 से 60 वर्ष आयु के 12 मरीज और 60 वर्ष से अधिक आयु के 15 मरीज थे.
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क्या रही मौतों की दर
संक्रमण से हुई मौतों में 43% महिलाएं और 57% पुरुष शामिल हैं. वहीं, 70% मामले ऐसे थे जिनमें 5 दिन के भीतर जानलेवा लक्षण सामने आए. इनमें से 50% मामले सीधे दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भर्ती होने वाले मरीजों के थे, जबकि 50% मामलों में मरीज अन्य अस्पतालों से यहां रेफर किए गए थे.
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बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में इस बार बुजुर्ग ही नहीं बल्कि ज्यादातर युवा संक्रमित पाए जा रहे हैं. सलाहकार समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि लोगों को हल्की खांसी, बुखार, जुकाम होने पर तुरंत अपनी जांच करानी होगी. इसके साथ ही गंभीरता को देखते हुए छोटे से छोटे अस्पतालों में भी टेस्ट और इलाज शुरू किए जाने पर जोर देने की जरूरत है.