देहरादून: उत्तराखंड में रोजगार मेलों पर सेवायोजन कार्यालय के अधिकारियों ने अब ध्यान देना कम कर दिया है. जिसके चलते रोजगार मेले अब न के बराबर हो रहे हैं. ऐसे में कौशल विकास मंत्री हरक सिंह रावत के निर्देश पर रोजगार मेलों के आयोजनों को लेकर सेवायोजन विभाग के अधिकारी अपनी प्राथमिकता को बदलने जा रहे हैं.
रोजगार मेलों के प्रति युवाओं में नहीं दिलचस्पी. प्रदेश में बेरोजगारों के लिए लगने वाले रोजगार मेलों के आयोजनों को लेकर कौशल विकास मंत्री हरक सिंह रावत खुश नहीं है, शायद यही वजह है कि विभागीय मंत्री ने रोजगार मेलों का आयोजन कम करने के निर्देश दे दिए हैं. बताया जा रहा है कि रोजगार मेला आयोजित करने में काफी पैसे खर्च होते हैं. बावजूद इसके मॉनिटरिंग सिस्टम बेहद कमजोर दिखाई दे रहा है. ऐसे में कौशल विकास मंत्री रावत ने विभागीय अधिकारियों को रोजगार मेलों पर ज्यादा ध्यान न देने के निर्देश दिए हैं.
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वहीं, इन रोजगार मेलों की तरफ बेरोजगार युवाओं का रुझान कम होता जा रहा है. साथ ही कंपनियों के माध्यम से किए जा रहे दावे भी पूरे नहीं हो रहे हैं. हालांकि, कौशल विकास मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को जरुरत पड़ने पर ही रोजगार मेले आयोजित करने को कहा है. साथ ही युवाओं की रुझान और कंपनियों की डिमांड के बाद ही रोजगार मेले आयोजित करने के लिए कहा है.
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उधर, सूबे में बेरोजगारी का मुद्दा गहराता जा रहा है. ऐसे में बेरोजगार युवा पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं, बढ़ती बेरोजगारी के मद्देनजर बेरोजगार युवाओं को रोजगार मेलों से कुछ हद तक उम्मीदें रहती हैं. लेकिन वर्तमान में रोजगार मेले को लेकर युवा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.