देहरादूनः आजादी के सात दशक और राज्य गठन के 20 साल बाद भी कई गांवों में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. इसकी बानगी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गांव से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बुंगा गांव में देखने को मिल रही है. यहां आज भी गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं. ऐसे में लॉकडाउन के बीच गांव के युवाओं ने सड़क बनाने का बीड़ा उठाया है. ग्रामीणों ने कुछ सड़क भी बना दी है, जो सरकार को आइना दिखाने का काम कर रही है.
विकास का पहला कदम सड़क को ही माना जाता है. ऐसे में गांव के युवाओं ने सड़क तैयार करने के लिए पहाड़ खोदना शुरू कर दिया है. मामला यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में बुंगा गांव का है. यहां के युवाओं ने जनप्रतिनिधियों और सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाकर खुद की सड़क बनाने का फैसला लिया है. यहां युवाओं ने वीरकाटल से मोहन चट्टी तक सड़क बनाई है. युवाओं की मानें तो करीब 3 किलोमीटर की सड़क बनाई जा रही है, जो दोपहिया वाहनों के लिहाज से बना रहे हैं.
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एक तरफ दो गांवों को जोड़ने के लिए युवाओं ने काम शुरू कर दिया है तो बुजुर्ग भी युवाओं का साथ दे रहे हैं. लॉकडाउन में बुजुर्ग युवाओं को हिम्मत देते हुए सरकार की कार्यप्रणाली पर निराशा और नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं. स्थानीय बुजुर्ग कृपा सिंह बताते हैं कि कई बार जनप्रतिनिधि को बताने के बावजूद इसपर काम नहीं हुआ और कोई उनकी सुनने वाला नहीं है. ऐसे में उन्होंने खुद ही सड़क बनाने का निर्णय लिया है.
यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में फिलहाल सत्ताधारी बीजेपी की ही विधायक जीतकर विधानसभा पहुंची हैं. खास बात ये है कि जिन पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी को देश में सड़कों-पुलों का जाल बिछाने के लिए जाना जाता है, उनकी बेटी ऋतु खंडूड़ी ही इस क्षेत्र का विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व कर रही हैं. इसके बावजूद हालात तस्वीरों से समझे जा सकते हैं.