देहरादूनःराज्य गठन के 20 साल बाद भी उत्तराखंड के कई गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के गांव पंचूर से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बुंगा गांव आज भी सड़क से वंचित है. ऐसे में लॉकडाउन के बीच गांव के युवाओं ने सड़क बनाने का बीड़ा उठाया है. ग्रामीणों ने कुछ सड़क बना भी दी है, जो सरकार को आइना दिखाने का काम कर रही है.
युवाओं ने दिखाया सरकार को आइना. विकास का पहला कदम सड़क को ही माना जाता है. ऐसे में गांव के युवाओं ने सड़क तैयार करने के लिए पहाड़ खोदना शुरू कर दिया है. मामला यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में बुंगा गांव का है. यहां के युवाओं ने जनप्रतिनिधियों और सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाकर खुद ही सड़क बनाने का फैसला किया है. युवाओं ने वीरकाटल से मोहन चट्टी तक सड़क बनाई है. युवाओं की मानें तो करीब 3 किलोमीटर की सड़क बनाई जा रही है, जो दोपहिया वाहनों के लिहाज से बना रहे हैं.
युवाओं का साथ दे रहे बुजुर्ग
बुंगा के युवाओं ने दो गांवों को जोड़ने का काम शुरू कर दिया है. इस काम में गांव के बुजुर्ग भी युवाओं का साथ दे रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सड़क नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गांव में जब कोई बीमार हो जाता है तो मरीज को कंधे पर लाद कर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है. शासन-प्रशासन को इस संबंध में कई बार अवगत कराया गया लेकिन इस ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.
नेताओं को सिर्फ चुनाव के दौरान याद आते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त बड़े-बड़े वादे और दावे करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ग्रामीणों की समस्याओं की तरफ कोई ध्यान नहीं देता. स्थानीय बुजुर्ग कृपा सिंह का कहना है कि जब जनप्रतिनिधि को कई बार कहने के बाद भी इस पर काम नहीं हुआ, तो उन्होंने खुद ही सड़क बनाने का निर्णय लिया है.
यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में सत्ताधारी बीजेपी की ही विधायक जीतकर विधानसभा पहुंची हैं. खास बात ये है कि जिन पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी को देश में सड़कों-पुलों का जाल बिछाने के लिए जाना जाता है, उनकी बेटी ऋतु खंडूड़ी ही इस क्षेत्र का विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व कर रही हैं. इसके बावजूद हालात तस्वीरों से समझे जा सकते हैं.