देहरादूनःउत्तराखंड में चारधाम यात्रा समापन की ओर है. इसकी शुरुआत गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के साथ हो चुकी है. बीते शुक्रवार को गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए थे. आज केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट आगामी 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाएंगे. दोनों धाम को फूलों से सजाया गया है.
आज बंद होंगे केदारनाथ के कपाट: केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज के पर्व पर यानी आज सुबह 8.30 बजे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) लाई जाती है, जहां शीतकाल में बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली के दर्शन करते हैं. यहां शीतकाल के छह महीने बाबा केदार की पूजा-अर्चना की जाती है.
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यमुनोत्री धाम के कपाट भी होंगे बंदः प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज के अवसर पर यानी आज दोपहर 12:15 बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. अब आगामी 6 महीने तक यमुना जी के दर्शन श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे.
गंगोत्री धाम के कपाट हो चुके बंदः अन्नूकूट पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट शुक्रवार यानी 5 नवंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं. इसके साथ ही मां गंगा की उत्सव डोली भोगमूर्ति के साथ शुभ बेला पर मुखबा गांव के लिए रवाना हुई. मां गंगा की डोली आज भैयादूज के मौके पर मुखबा गांव पहुंचेगी. यहां मुखबा गांव में स्थानीय लोगों की ओर से मां गंगा की उत्सव डोली का भव्य स्वागत किया जाएगा. साथ ही आगामी तीन दिन तक मां गंगा की भोगमूर्ति को ग्रामीणों के दर्शन के लिए रखा जाएगा. ऐसे में अगले छह माह तक मां गंगा की पूजा अर्चना शीतकालीन प्रवास मुखबा में ही की जाएगी.