देहरादून: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग उत्तराखंड सरकार द्वारा 13 अक्तूबर को आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस (International day for disaster risk reduction day) मनाया गया. यह दिवस आपदाओं के प्रति सजगता, सतर्कता और उससे बचने के उपायों के बारे में आम जनमानस के बीच जन जागरूकता बढ़ाने हेतु मनाया जाता है. देहरादून के एक निजी होटल में आयोजित इस कार्यशाला में उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजेंद्र सिंह, सदस्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने NDMA द्वारा आपदा प्रबंधन हेतु लिये जा रहे निर्णयों की जानकारी दी. साथ ही उन्होंने नीति निर्धारण में सामाजिक प्रतिभागिता के महत्व पर बल दिया. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, हेस्को ने उत्तराखंड राज्य की विशिष्ट परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश में आपदा प्रबंधन नीति निर्धारण के विषय में विशेष कदम उठाने की बात कही. साथ ही उन्होंने शिक्षण संस्थानों के माध्यम से आपदा प्रबंधन संबंधी जानकारी को जन-जन में प्रचारित करने पर बल दिया.
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आपदा जोखिम न्यूनीकरण की इस कार्यशाला की शुरुआत में डॉ. आनन्द श्रीवास्तव, अपर सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग ने गणमान्य अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के सत्रों का सारांश प्रस्तुत किया. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड राज्य सरकार तथा उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी दी.
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग एसए मुरुगेशन के निर्देशन में संपन्न कार्यशाला में भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक तथा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, समस्त अभियांत्रिकी विभाग एवं अन्य रैखिक विभागों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया.
कार्यक्रम में जन जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आपदा से जुड़े विभिन्न विषयों की जागरूकता सामग्री एवं राज्य आपदा प्रतिवादन बल ने खोज एवं बचाव की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया. कार्यशाला में विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों तथा अन्य संस्थाओं के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं, यथा आपदा पूर्वानुमान, राहत-बचाव और सामाजिक प्रतिभागिता के महत्व पर चर्चा की.