देहरादून: राज्य निगम कर्मचारी महासंघ ने सार्वजनिक निगमों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों को 7वें वेतनमान की संस्तुतियां होने और मकान किराया भत्ता के साथ, अन्य 8 भत्ते अनुमन्य न करने की बात कही है.
महासंघ ने चेतावनी देते हुए बताया कि सार्वजनिक निगमों के कार्मिकों के साथ लगातार किए जा रहे भेदभाव का राज्य निगम कर्मचारी महासंघ कड़ा विरोध करेगा. साथ ही आंदोलन के प्रथम चरण में जन जागरण आंदोलन और दूसरे चरण में मंत्रियों सहित विधायकों और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए जाएंगे. वहीं, कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आगामी 22 अगस्त को सचिवालय का घेराव किया जाएगा.
राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोसाईं ने बताया कि सार्वजनिक हित के लिए काम कर रहे निगमों की कल्याणकारी योजनाओं जैसे-65 वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों के लिए निशुल्क यात्रा, छात्रा पास योजना, राज्य आंदोलनकारी, स्वतंत्रता सेनानी आदि का धन शासन द्वारा समय पर नहीं दिया जा रहा है. वहीं, सरकार पर निगम का करोड़ों रुपये बकाया चल रहा है. उसी तरह से पेयजल निगम में भी वेतन का पैसा लंबित पड़ा हुआ है, ऐसी परिस्थिति में निगमों को लाभ-हानि से जोड़ा जाना तर्कसंगत नहीं है.