ऋषिकेश:वन विभाग की लापरवाही से शिवाजी नगर में वन भूमि पर अवैध खनन कर निर्माण के दौरान दीवार ढहने से एक श्रमिक की जान चली गई. छह महीने पहले डीएम देहरादून के निर्देश पर संबंधित के खिलाफ विभाग ने एक्शन लिया होता तो शायद श्रमिक अकाल मौत का शिकार नहीं होता. पुलिस ने एम्स से श्रमिक का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
ऋषिकेश में वन विभाग की लापरवाही से गई श्रमिक की जान, डीएम की बात मानी होती तो टल जाता हादसा! - ऋषिकेश दीवार हादसा
Wall collapse injured worker died in Rishikesh ऋषिकेश में वन विभाग की लापरवाही एक मजदूर की जान पर भारी पड़ गई. 6 महीने पहले डीएम ने शिवाजी नगर में वन भूमि पर खनन रोकने को लेकर निर्देश दिए थे. लेकिन वन विभाग सोया रहा. मंगलवार को निर्माणाधीन दीवार गिरने से उसके नीचे दबकर घायल हुए श्रमिक ने बुधवार को एम्स में दम तोड़ दिया.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Jan 18, 2024, 6:36 AM IST
दीवार के मलबे में दब गया था मजदूर: कोतवाली पुलिस के मुताबिक मंगलवार को शिवाजीनगर स्थित एक निर्माणधीन दीवार ढहने से 32 वर्षीय श्रमिक नन्हे भाई निवासी करैया लखरोनी, दमोह, मध्य प्रदेश दब गया था. रेस्क्यू कर उसे एम्स में भर्ती कराया गया था. बुधवार को एम्स के चिकित्सकों ने नन्हे भाई को मृत घोषित कर दिया. सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मालूम हो कि वन भूमि पर कब्जे और अवैध खनन के साथ निर्माण को लेकर एसडीएम ने मामले की जांच को डीएफओ देहरादून को पत्र भी लिखा है. उन्होंने इसे विभागीय लापरवाही मानते हुए संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की है.
डीएम ने 6 महीने पहले दिए थे कार्रवाई के निर्देश: बताते चलें कि, छह महीने पहले इसी वन भूमि पर खनन से आसपास के चार मकानों को खतरा हो गया था. जिसके चलते एक मकान में बसा परिवार कुछ समय पहले घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जा चुका है. डीएम ने शिकायत पर सुरक्षा के इंतजाम समेत कार्रवाई के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए थे. इस बारे में फिर से दो बार डीएफओ देहरादून को संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने दोनों बार फोन नहीं उठाया. ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही साफ झलकती है.
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