देहरादूनःप्रदेश में आगामी 11 अप्रैल को पहले चरण में ही लोकसभा चुनाव होने हैं. इसी को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां और प्रत्याशी तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं, चुनाव में वोटरों की भी अहम भूमिका रहती है. इस बार भी राज्य की जनता लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभायेगी. राज्य गठन के बाद प्रदेश में तीन लोकसभा और चार विधानसभा चुनाव हुए हैं. इन सभी चुनावों के आंकड़े तस्दीक कर रहे हैं कि महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की मुकाबले ज्यादा रही है.
उत्तराखंड राज्य बने 18 साल हो चुके हैं. लोकसभा चुनाव 2014 और विधानसभा चुनाव 2012, 2017 में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई थी. सभी चुनावों में महिलाओं ने अपनी सक्रियता दिखाई है. इस बार भी उम्मीद जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव में भी महिला मतदाता बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगी.
राज्य बनने के बाद विधानसभा चुनावों में महिला मतदान फीसदी आंकड़े
उत्तराखंड राज्य बनने के बाद प्रदेश में चार विधानसभा चुनाव हुए हैं. आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं, कि सभी विधानसभा चुनावों में हर बार महिला मतदान की संख्या में इजाफा हुआ है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव 2007, 2012 और 2017 में महिला मतदाताओं ने पुरुष मतदाताओं से ज्यादा मतदान किये.
विधानसभा चुनाव 2002 में मतदानः
- महिला- 52.64 फीसदी
- पुरुष- 55.94 फीसदी
विधानसभा चुनाव 2007 में मतदान
- महिला- 59.45 फीसदी
- पुरूष- 58.95 फीसदी
विधानसभा चुनाव 2012 में मतदान
- महिला- 68.84 फीसदी महिला
- पुरुष- 65.74 फीसदी पुरुष
विधानसभा चुनाव 2017 में मतदान
- महिला- 69.30 फीसदी
- पुरुष- 58.95 फीसदी
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राज्य बनने के बाद लोकसभा चुनावों में महिला मतदान
राज्य गठन के बाद प्रदेश में तीन लोकसभा चुनाव हुए हैं. पिछले तीन लोकसभा चुनावों के आकड़ों पर गौर करें तो तीनों लोकसभा चुनावों में महिला मतदान की फीसदी में काफी बढ़ोतरी हुई है. 2014 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं ने पुरुषों को पछाड़ते हुए सबसे ज्यादा मतदान किया था.