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बुरांश के फूलों ने महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, जूस को बनाया आजीविका का आधार

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Published : Apr 6, 2022, 12:10 PM IST

विकासनगर में बुरांश के फूलों से महिलाएं जूस तैयार कर रही हैं. इससे उन्हें रोजगार मिल रहा है. यहां तैयार होने वाले जूस की डिमांड बढ़ रही है.

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बुरांश के फूलों ने महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

विकासनगर: बुरांश के फूलों से पहाड़ों में महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. विकासनगर में आजीविका मिशन में पंजीकृत जय मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह ग्राम उद्पाल्टा के तूनधार की महिलाएं इन दिनों बुरांश का जूस तैयार कर रही हैं. इस जूस की डिमांड स्थानीय स्तर से लेकर कई बड़े-बड़े शहरों में बढ़ रही है. जूस की डिमांड बढ़ने से महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. बुरांश के फूल को यहां की महिलाओं ने आजीविका का आधार बना लिया है.

उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाने वाला प्राकृतिक फूल बुरांश के पेड़ कई मायनों में अहम हैं. इन दिनों चकराता की पहाड़ियों में सुर्ख लाल बुरांश के फूल खिले हुए हैं. इनकी सुंदरता देखते ही बनती है. वहीं इन दिनों इन बुरांश के फूलों से कई लोगों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध हो रहे हैं. इसी कड़ी में आजीविका मिशन से पंजीकृत कालसी ब्लाक के ग्राम उद्पाल्टा के जय मां दुर्गा स्वयं सहायता की महिलाएं इन दिनों जंगलों से बुरांश के फूलों को एकत्र कर फूलों की छटाई कर बुरांश का जूस तैयार कर रही हैं. इस जूस की डिमांड देहरादून सहित चंडीगढ़, दिल्ली के शहरों तक बढ़ी है. जिससे महिलाओं को रोजगार के साधन भी उपलब्ध हो रहे हैं.

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जय मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह की सदस्य निधि का कहना है कि इन दिनों गर्मी बढ़ रही है तो बुरांश के जूस की डिमांड भी बढ़ जाती है. समूह की कुछ महिलाएं जंगलों में जाकर बुरांश के फूलों को एकत्रित करती हैं, तो कुछ महिलाएं बुरांश के फूलों की छंटाई कर जूस तैयार करती हैं. बुरांश के जूस की स्थानीय स्तर से लेकर अन्य शहरों में भी डिमांड बढ़ी है. समूह की महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध हो रहा है.

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