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पहाड़ों में मतदान को लेकर ज्यादा जागरूक हैं महिलाएं, आंकड़े कर रहे तस्दीक

उत्तराखंड में पहाड़ी जिलों की महिला मतदाता ज्यादा सजग हैं. आंकड़ों के हिसाब से मैदानी जिलों की महिलाएं वोटिंग में कम इंट्रेस्टेड नजर आ रही हैं.

Uttarakhand Election Commission released data
पहाड़ों में मतदान को लेकर ज्यादा जागरूक हैं महिलाएं.

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Published : Nov 17, 2021, 7:57 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 9:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के मैदानी इलाकों से ज्यादा पहाड़ की महिलाएं मतदान को लेकर ज्यादा जागरूक हैं. उत्तराखंड निर्वाचन आयोग के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं. उत्तराखंड निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार देहरादून में एक हजार पुरुषों के सापेक्ष केवल 896 महिला मतदाता हैं. वहीं, हरिद्वार में एक हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 874 महिला मतदाता हैं. जबकि, पर्वतीय जिलों में यह संख्या मैदान के मुकाबले अधिक है. वहीं, पहाड़ी जिले रुद्रप्रयाग में पुरुषों से ज्यादा महिला मतदाता रजिस्टर्ड हैं. यहां एक हजार पुरुषों पर 1024 महिला वोटर हैं. पिथौरागढ़ में 1 हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 999 महिलाएं हैं.

निर्वाचन आयोग के डेटा के अनुसार उत्तराखंड में 18 वर्ष से ऊपर यानी मतदाताओं की संख्या तकरीबन 81.38 लाख है. निर्वाचन आयोग द्वारा एक नवंबर को जारी अंतिम मतदाता सूची के अनुसार 81.31 लाख में से केवल 78.46 लाख लोगों ने ही मतदाता सूची में खुद को वेरीफाई करवाया है. इनमें से तकरीबन 40.87 पुरुष और 37.58 लाख तकरीबन महिला मतदाता हैं.

पहाड़ों में मतदान को लेकर ज्यादा जागरूक हैं महिलाएं

जिलेवार नजर डालें तो पहाड़ी जिलों में फिर भी स्थिति बेहतर है. रुद्रप्रयाग में तो पुरुषों से ज्यादा महिला मतदाता रजिस्टर्ड हैं. यहां एक हजार पुरुषों पर 1024 महिला वोटर हैं, हालांकि बाकी जिलों में यह आंकड़े कमतर ही हैं. पिथौरागढ़ में 1 हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 999 महिलाएं हैं. अल्मोड़ा में 1 हजार पुरुष मतदाताओं के ऊपर 967 महिलाएं, चमोली में 1 हजार पुरुषों के सापेक्ष 955 महिलाएं और पौड़ी में 954 महिला मतदाता हैं.

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पर्वतीय जिलों के बाद मैदानी जिलों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की तुलना में घटती नजर आ रही है. सबसे पहले देहरादून की बात करें तो यहां एक हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 896 महिला मतदाता हैं, हरिद्वार में 1 हजार मतदाताओं के सापेक्ष 894 महिलाएं हैं. उधमसिंह नगर में यह संख्या 908 और नैनीताल में थोड़ा अधिक 913 है.

वहीं, इसके अलावा अन्य जिलों की बात करें तो उत्तरकाशी में मतदाता लिंगानुपात 1 हजार पुरुषों पर 941 महिलाएं, टिहरी में 942, पौड़ी में 954, बागेश्वर में 967, चम्पावत में 909 तो वहीं नैनीताल में मतदाता लिंगानुपात प्रति एक हजार पुरुष पर 913 है. इसके अलावा उधमसिंह नगर में भी मतदाता लिंगानुपात प्रति एक हजार पुरुष पर 908 महिलाएं हैं. जिन्होंने मतदाता सूची में खुद को पंजीकृत किया है.

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पलायन एक बड़ी वजह:मैदानी जिलों में लगातार महिला मतदाताओं की घटती संख्या के चलते निर्वाचन आयोग भी चिंता में है. निर्वाचन अधिकारी सौजन्या का कहना है कि पहाड़ी जिलों की तुलना में मैदानी जिलों में लगातार कम हो रहे मतदाता लिंगानुपात के पीछे पलायन एक बड़ा कारण हो सकता है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि पर्वतीय जिलों में ज्यादातर पुरुष अपनी आजीविका के लिए मैदानी जिलों का रुख करते हैं. इसी वजह से मैदानी जिलों में अपेक्षाकृत पुरुषों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है. यही नहीं निर्वाचन अधिकारी का यह भी कहना है कि कई बार पर्वतीय जिलों से मैदानी जिलों में प्रवास या फिर शादी इत्यादि होने पर महिलाओं द्वारा वोटर आईडी कार्ड को रिन्यू नहीं करवाया जाता है. ये भी एक बड़ा कारण हो सकता है.

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आयोग चला रहा है अभियान:उन्होंने कहा इस लिगांनुपात को संतुलित करने का प्रयास किया जा रहा है. निर्वाचन आयोग इसे लेकर लगातार जन जागरुकता अभियान चला रहा है. वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन और वोटर कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी तेज की जा रही है. इसके अलावा मतदान जागरुकता अभियान के लिए प्रचार वाहनों को भी रवाना किया गया है.

Last Updated : Nov 17, 2021, 9:01 PM IST

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