देहरादून: उत्तराखंड के मैदानी इलाकों से ज्यादा पहाड़ की महिलाएं मतदान को लेकर ज्यादा जागरूक हैं. उत्तराखंड निर्वाचन आयोग के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं. उत्तराखंड निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार देहरादून में एक हजार पुरुषों के सापेक्ष केवल 896 महिला मतदाता हैं. वहीं, हरिद्वार में एक हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 874 महिला मतदाता हैं. जबकि, पर्वतीय जिलों में यह संख्या मैदान के मुकाबले अधिक है. वहीं, पहाड़ी जिले रुद्रप्रयाग में पुरुषों से ज्यादा महिला मतदाता रजिस्टर्ड हैं. यहां एक हजार पुरुषों पर 1024 महिला वोटर हैं. पिथौरागढ़ में 1 हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 999 महिलाएं हैं.
निर्वाचन आयोग के डेटा के अनुसार उत्तराखंड में 18 वर्ष से ऊपर यानी मतदाताओं की संख्या तकरीबन 81.38 लाख है. निर्वाचन आयोग द्वारा एक नवंबर को जारी अंतिम मतदाता सूची के अनुसार 81.31 लाख में से केवल 78.46 लाख लोगों ने ही मतदाता सूची में खुद को वेरीफाई करवाया है. इनमें से तकरीबन 40.87 पुरुष और 37.58 लाख तकरीबन महिला मतदाता हैं.
जिलेवार नजर डालें तो पहाड़ी जिलों में फिर भी स्थिति बेहतर है. रुद्रप्रयाग में तो पुरुषों से ज्यादा महिला मतदाता रजिस्टर्ड हैं. यहां एक हजार पुरुषों पर 1024 महिला वोटर हैं, हालांकि बाकी जिलों में यह आंकड़े कमतर ही हैं. पिथौरागढ़ में 1 हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 999 महिलाएं हैं. अल्मोड़ा में 1 हजार पुरुष मतदाताओं के ऊपर 967 महिलाएं, चमोली में 1 हजार पुरुषों के सापेक्ष 955 महिलाएं और पौड़ी में 954 महिला मतदाता हैं.
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पर्वतीय जिलों के बाद मैदानी जिलों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की तुलना में घटती नजर आ रही है. सबसे पहले देहरादून की बात करें तो यहां एक हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 896 महिला मतदाता हैं, हरिद्वार में 1 हजार मतदाताओं के सापेक्ष 894 महिलाएं हैं. उधमसिंह नगर में यह संख्या 908 और नैनीताल में थोड़ा अधिक 913 है.