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यूट्यूब देख छत पर बना डाला खेत, लागत से चौगुनी हो रही आय

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में यूट्यूब से खेती की टिप्स लेकर एक शिक्षक ने घर की छत पर खेती कर डाली. शिक्षक ने छत पर ही खेत बना डाला. वहीं शिक्षक को इसके चलते लागत से चार गुना ज्यादा मुनाफा भी हो रहा है.

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Published : Nov 17, 2019, 8:39 AM IST

यूट्यूब

कौशांबी: यूट्यूब से खेती के गुर सीख कर घर की छत पर ही खेत बनाने को हकीकत में तब्दील किया है कौशांबी (यूपी) के अनिल कुमार ने, जो कि पेशे से शिक्षक हैं और आजकल किसानों के लिए रोल मॉडल बने हुए हैं. करीब 8,000 की लागत से तैयार हुए इस आधुनिक खेत में अब अनिल कुमार तरह-तरह की सब्जियां उगा रहे हैं.

यूट्यूब से किया कमाल, छत पर बना दिया खेत.

यूट्यूब के टिप्स ने किया कमाल
कौशांबी जिले की सिराथू तहसील स्थित बेला फतेहपुर गांव के शिक्षक अनिल कुमार ने यूट्यूब की मदद से यह कमाल कर दिखाया है, जिसकी वजह से अब उन्हें बाहर से सब्जी नहीं खरीदनी पड़ती और उनके लगाई गई लागत से करीब चार गुना ज्यादा मुनाफा होता है.

शिक्षक ने छत पर ही बना डाला खेत
कौशांबी गृह जनपद में तैनात अनिल कुमार खाली समय में किसानी का काम करते हैं. वह नए तरीके से खेती कर कुछ करना चाहते थे. यूट्यूब पर काफी समय से अनिल नए-नए तरीके खोज रहे थे, तभी अनिल ने 6 माह के बाद एक वीडियो देखा, जिसके बाद यूट्यूब पर बताई गए वस्तुओं की सूची बनाकर बाजार से उसकी खरीदारी की और मेहनत से खेती का काम शुरू किया. फिर क्या था मेहनत रंग लाई और अनिल ने छत पर 162 फीट के क्षेत्रफल में खेती शुरू कर दी.

तकनीक से सीखकर छत पर बना डाला खेत
अनिल कुमार पेशे से एक शिक्षक हैं. वह सरसंवा ब्लाक के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं. गृह जनपद में ही तैनाती होने की वजह से वह खाली समय में खेती किसानी भी करते हैं. अनिल कुमार कुछ अलग हटकर करना चाहते थे, जिसके बाद यूट्यूब पर खेती की तकनीक सीखकर उसे धरातल पर उतारने का काम किया.

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यूट्यूब वाली खेती से हो रहा चार गुना मुनाफा
अनिल ने तकनीकी खेती और कृषि के जानकारों के सहयोग से खेती शुरू कर दी. किसान अनिल कुमार ने बताया कि उनके घर की छत खाली पड़ी थी. उन्होंने घर की छत पर पाइप लगाया और खेती की शुरुआत की. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले पॉलिथीन बैग में बुरादा और धान की भूसी आदि भर कर तैयार किया. इसके बाद अन्य जरूरी पोषक तत्व डालकर उन पर बीज बो दिए. सबसे पहले उन्होंने कद्दू और लौकी की बुवाई की. इस पर सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने दूसरी फसल के रूप में टमाटर, मिर्च और शिमला मिर्च लगाई जो कि लगभग तैयार है. जल कृषि तकनीकी से खेती करने में करीब 200 गुना कम भूमि का प्रयोग होता है.

अनिल बने किसानों के रोल मॉडल
अनिल कुमार के मुताबिक जल कृषि कई लेयर्स में होती है. ऐसे में कम भूमि की जरूरत होती है. खेती में आम कृषि में लगने वाले उर्वरक और पानी के सापेक्ष मात्र 5 फीसदी पानी और उर्वरक में बेहतर फसल तैयार की जाती है. अनिल कुमार की खेती देखकर अब दूसरे लोग भी इसको सीख रहे हैं. इस खेती में लागत से कई गुना मुनाफा कमाया जा सकता है और जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण अनिल खुद हैं, जो कि अब तक लागत से कई गुना ज्यादा मुनाफा कमा चुके हैं.

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