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संरक्षित पार्कों को अनलॉक करने की तैयारी, एनटीसीए से पार्क खोलने की मिली मंजूरी

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Published : Jun 11, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 10:08 AM IST

राजाजी और कॉर्बेट के संरक्षित क्षेत्रों में एनटीसीए के आदेशों के बाद पार्कों को खोलना मुमकिन हो पाया है. हालांकि बफर जोन यानी अति संवेदनशील संरक्षित वनों में 15 जून तक गतिविधियां बंद रहेंगी.

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देहरादून: उत्तराखंड में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को खोलने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. लॉकडाउन के चलते बंद पड़ी गतिविधियों को एक बार फिर सुचारू करने के लिए वन महकमा प्रयास कर रहा है. इसमें एनटीसीए यानी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की मंजूरी के बाद तेजी लाई जा रही है.

प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म जल्द शुरू होने जा रहा है. वन महकमे ने एनटीसीए की गाइडलाइन आने के बाद इसको लेकर प्रयास शुरू कर दिए हैं. दरअसल, कोविड-19 के चलते एनटीसीए के आदेशों के बाद 31 मार्च से सभी पार्कों को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद से ही राज्य के पार्कों में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म ठप पड़ा था. ऐसे में अब एनटीसीए की पार्कों को खोले जाने की नई गाइडलाइन आने के बाद वन महकमा इसके लिए तैयारी में जुट गया है. हालांकि परेशानी इस बात की है कि संरक्षित क्षेत्रों में पार्कों को 15 जून तक ही खोला जाता है.

संरक्षित पार्क होंगे अनलॉक.

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कॉर्बेट और राजाजी के कई क्षेत्रों में 30 जून तक पर्यटन गतिविधियां जारी रहती हैं. यहां बिजरानी क्षेत्र में 30 जून तक पर्यटन चलता है तो वहीं ढेला, पाकरो और झिरना में वर्ष भर पर्यटन गतिविधियां होती हैं.

बता दें कि राजाजी और कॉर्बेट के संरक्षित क्षेत्रों में एनटीसीए के आदेशों के बाद पार्कों को खोलना मुमकिन हो पाया है. हालांकि बफर जोन यानी अति संवेदनशील संरक्षित वनों में 15 जून तक की गतिविधियां बंद रहेंगी, जबकि बाकी जगहों पर वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के लिए पर्यटक जा सकेंगे.

Last Updated : Jun 12, 2020, 10:08 AM IST

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