देहरादून: कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park) में गैंडों को देखने की इच्छा रखने वाले लोगों को अभी कुछ और इंतजार करना होगा. दरअसल, उत्तराखंड वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) का प्रोजेक्ट राइनो (Project Rhino) लंबे समय से ठंडे बस्ते में है. फिलहाल, इस प्रोजेक्ट के पूरा होने की भी अभी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. हालांकि, वन विभाग के अधिकारी अब भी इस प्रोजेक्ट को लेकर सकारात्मक रवैया बनाए हुए हैं.
उत्तराखंड में साल 2019 के दौरान राज्य वन्यजीव बोर्ड ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में गैंडों को लाए जाने की मंजूरी दी, तो उम्मीद की गई कि वन्यजीव प्रेमियों को जल्द ही उत्तराखंड में गैंडों के दीदार हो सकेंगे. लेकिन डेढ़ साल बाद भी अब तक इस प्रोजेक्ट पर कुछ खास काम नहीं हो पाया है. यह हाल तब है जब वन विभाग गैंडों को जल्द से जल्द कॉर्बेट में शिफ्ट करने की बात कहता रहा है.
कॉर्बेट नेशनल पार्क में रहा है गैंडों का वास
अध्ययन में बाद यह पता चला है कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक समय काफी संख्या में गैंडों का वास था. यह भी कहा जा रहा है कि वन विभाग के अभिलेखों में भी यह दर्ज रहा है. इन्ही बातों को देखते हुए राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल और असम से करीब 10 गैंडे प्रदेश में लाने की योजना बनाई. इसी के तहत राज्य वन्यजीव बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी.
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असम की काजीरंगा नेशनल पार्क से लाए जाने हैं गैंडे
उत्तराखंड वन्य जीव बोर्ड (Uttarakhand wildlife board) से मंजूरी के करीब 2 महीने बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने असम के मुख्यमंत्री से भी इसके मद्देनजर बातचीत की. सहमति बनी कि असम के काजीरंगा नेशनल पार्क (Kaziranga National Park) से एक सिंग वाले गैंडे उत्तराखंड में शिफ्ट किए जाएंगे. माना गया कि 10 की बजाय 12 गैंडे असम से चरणबध्द तरीके से उत्तराखंड के कॉर्बेट में पहुंचेंगे. इसमे चार नर गैंडे और 8 मादा गैंडे होंगे, ताकि कॉर्बेट में धीरे-धीरे गैंडों का बड़ा परिवार तैयार किया जा सके.