देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन अब चर्चा हरदा के बयानों में केंद्र बिंदु रहने वाले बागियों की है. सवाल उठ रहे हैं कि त्रिवेंद्र सरकार में हरीश रावत को सिर्फ कुछ चुनिंदा मंत्री ही क्यों दिखाई देते हैं और ऐसा कौन सा दर्द है, जिसके चलते हरीश रावत का निशाना सिर्फ बागी ही बनते हैं.
त्रिवेंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों की पूर्व सीएम हरीश रावत समय-समय पर तारीफ भी करते नजर आते हैं. गाहे-बगाहे हरीश रावत ऐसे बयान देते रहते हैं, जिनका सरोकार कांग्रेस छोड़कर गए उन बागी नेताओं को लेकर होता है, जो या त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री हैं या फिर भाजपा में साल 2016 में शामिल हुए थे. हरीश रावत की तत्कालीन सरकार को हिला देने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, रेखा आर्य और विजय बहुगुणा फिलहाल भाजपा में हैं. यहीं नहीं कई तो त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री भी हैं. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि त्रिवेंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रियों में केवल कुछ चुनिंदा मंत्रियों पर ही हरीश रावत निशाना साधते हैं.
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इसका जवाब वह पुराना जख्म है, जो इन बागियों ने मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत को दिया था. दरअसल, हरीश रावत की सरकार गिराने की कोशिश करने वाले इन सभी नेताओं पर हरीश रावत पिछले 4 सालों से हमलावर हैं. हरदा कभी हरक सिंह रावत पर निशाना साधते हैं तो कभी सुबोध उनियाल को परेशानी में डालने की कोशिश करते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर भी समय-समय पर हरीश रावत हमलावर रहे हैं. हालांकि इन सब बातों पर हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस विधायक मनोज रावत कहते हैं कि हरीश रावत ने सरकार में सभी मंत्रियों को समय-समय पर घेरा है. वह विपक्ष के तौर पर सरकार के मार्गदर्शक के रूप में बयान भी देते रहे हैं.
हरीश रावत इन दिनों उद्यान निदेशालय को उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले से देहरादून लाने को लेकर खूब बयानबाजी कर रहे हैं. यह विभाग सुबोध उनियाल के पास है. इससे पहले हरीश रावत ने कर्मकार कल्याण बोर्ड पर बेहद कड़े शब्दों में बयान दिया था. यही नहीं वो उपवास कर सांकेतिक रूप से धरने पर बैठ गए थे. इससे पहले हरीश रावत ने रेखा आर्य और आईएएस के बीच चले विवाद पर भी रेखा आर्य को गलत बताकर मंत्री को गलत ठहराने की कोशिश की थी. वहीं, हरीश रावत विजय बहुगुणा पर तो दलबदलू होने को लेकर कई आरोप लगाते रहे है. हालांकि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल इसका जवाब देते हुए बस इतना ही कहते हैं कि 17 मार्च 2016 में उनके पार्टी छोड़ने पर हरीश रावत की क्या स्थिति हुई थी. यही कारण है कि आज हरीश रावत को सपने में भी हम ही दिखाई देते हैं.