देहरादूनः उत्तराखंड में साल 2022 को विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर अगले साल से चुनावों की रणनीतियां शुरू होने वाली हैं. वहीं, सल्ट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद खाली हुई सीट पर 17 अप्रैल को उपचुनाव होने हैं. अभी तक 13 बार विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो चुके हैं.
उत्तराखंड राज्य के इन 20 सालों में अभी तक 13 बार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो चुके हैं. अगले साल सल्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो सकते हैं. हालांकि प्रदेश में पहली बार विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव साल 2002 में हुआ था. ये उस वक्त का दौर है जब नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद रहे एनडी तिवारी ने सांसदी छोड़ रामनगर विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा था.
किसी विधायक के निधन पर पांचवी बार होगा उपचुनाव
उत्तराखंड राज्य में किसी विधायक के निधन के बाद विधानसभा के लिए उपचुनाव का यह पांचवा मामला है. राज्य में सबसे पहले साल 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव हुए थे. दूसरी बार साल 2014 में भगवानपुर के विधायक सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुए. तीसरी दफे साल 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद खाली हुई विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. वहीं, साल 2019 में वित्तमंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव हुआ था. अब ये पांचवा मौका है जब सल्ट विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद उपचुनाव होगा.
पढ़ेंःहमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे जीना, तेजतर्रार विधायकों में किए जाते थे शुमार