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पिछले तीन सालों में इन फैसलों से त्रिवेंद्र सरकार ने लूटी जनता की वाहवाही

बीते तीन साल में त्रिवेंद्र सरकार ने किस फैसलों पर जनता की वाहवाही लूटी, पढ़िए ETV BHARAT की स्पेशल रिपोर्ट.

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क्या रहे त्रिवेंद्र सरकार के अहम फैसलें

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Published : Mar 18, 2020, 5:18 PM IST

Updated : Mar 18, 2020, 5:49 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार के तीन साल पूरे हो गए हैं. बीते तीन साल में त्रिवेंद्र सरकार के नाम कई बड़ी उपलब्धियां रहीं तो कई बार विवादों में भी घिरना पड़ा. इन तीन साल के भीतर राज्य सरकार ने कई बड़े फैसले लिए. त्रिवेंद्र सरकार के कुछ फैसले उत्तराखंड के जनभावनाओं और आकांक्षाओं से भी जुड़ी रही. बीते तीन साल में त्रिवेंद्र सरकार ने किस फैसलों पर जनता की वाहवाही लूटी, पढ़िए ETV BHARAT की स्पेशल रिपोर्ट.

चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन

उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन करना भाजपा सरकार का एक बड़ा फैसला रहा. क्योंकि इस बोर्ड के अधीन प्रदेश के चारधाम समेत 51 मंदिर को शामिल किया गया है. इन सभी 51 मंदिरों पर एक बोर्ड काम करेगा. ETV BHARAT से खास बातचीत में सीएम त्रिवेंद्र रावत ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन को बड़ा फैसला बताते हुए कहा कि राज्य गठन के बाद से ही चारधाम के लिए एक बोर्ड की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. लेकिन कुछ लोगों के विरोध के कारण कभी एक्ट नहीं बन पाया था. लेकिन फिर राज्य सरकार ने 2019 में निर्णय लिया और इस एक्ट को लागू कर दिया. जिसकी काफी सराहना हुई.

सीएम त्रिवेंद्र से खास बातचीत.

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गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना

उत्तराखंड के इतिहास के लिए 4 मार्च 2020 ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि इस दिन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट सत्र के दौरान गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया. हालांकि गैरसैंण को राजधानी घोषित करना, उत्तराखंड के जनभावनाओं से जुड़ा मामला है, क्योंकि एक लंबे समय से पहाड़ी प्रदेश की राजधानी पहाड़ पर होने की मांग की जा रही थी. उत्तराखंड राज्य बनने के 19 साल बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जन भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया.

सीएम ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां.

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

ETV BHARAT से खास बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि चुनाव के दौरान सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार था. जिसमे ट्रांसफर-पोस्टिंग, खनन, वन और शराब जैसे मामले थे. भ्रष्टाचार को लेकर एक बड़ा माफिया तंत्र सरकार पर हावी हो गया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन पर प्रभावी अंकुश लगाया गया. साथ ही बीते दिनों माफिया और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई. बीते तीन साल में करीब 150 लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो चुकी है.

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इंवेस्टर्स समिट-2018

राज्य गठन के बाद पहली बार साल 2018 में इंवेस्टर्स समिट का आयोजन उत्तराखंड में उद्योग लगाने और निवेशकों को लुभाने के लिए किया गया. इंवेस्टर्स समिट में देश-विदेश के हजारों निवेशक और डेलिगेट्स उत्तराखंड आए थे. इस दौरान उत्तराखंड सरकार और विभिन्न कंपनियों के साथ करीब एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का MoU भी साइन हुए.

उत्तराखंड में ट्रांसफर एक्ट

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ट्रांसफर एक्ट लागू किया गया. जिससे ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर सिफारिश, लेनदेन जैसी चीजें बंद हो गई. फिलहाल, उत्तराखंड में अधिकारियों का ट्रांसफर एक्ट के जरिए हो रहा है. इससे काफी हद तक भ्रष्टाचार पर रोक लगी है. ETV BHARAT से बातचीत में सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के चलते ट्रांसफर पोस्टिंग एक छोटे उद्योग का रूप ले चुका था. जिसके चलते राजनीतिक गलियारों और सचिवालय में हलचल रहती थी और हम इसे बंद करने में कामयाब हुए.

एक लाख करोड़ की कई योजनाएं स्वीकृत

सीएम त्रिवेंद्र के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड के भीतर इन तीन सालों में बहुत से ऐसे काम हुए हैं. जो पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे. लिहाजा डबल इंजन का असर साफ-साफ देखा जा सकता है. केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं. इनमें से कई योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है. जिसमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना, ऑल वेदर रोड, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, देहरादून स्मार्ट सिटी आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं.

Last Updated : Mar 18, 2020, 5:49 PM IST

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