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अलविदा 2020: जानें इस वर्ष उत्तराखंड की क्या रही उपलब्धियां ? - achievements of Uttarakhand in 2020

जहां एक ओर 2020 लोगों के लिए कोरोना महामारी की वजह से बहुत बुरा साबित हुआ. वहीं, इस साल कुछ ऐसी उपलब्धियां भी हासिल हुई, जिसने उत्तराखंड को देश के साथ साथ विदेश के मानचित्र पर अलग पहचान दिलाई.

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उत्तराखंड की क्या है बड़ी उपलब्धियां

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Published : Dec 10, 2020, 6:31 AM IST

Updated : Mar 31, 2021, 2:23 PM IST

देहरादून: कुछ ही दिनों में वर्ष 2020 अपनी खट्टी मीठी यादों के साथ हमें अलविदा कह देगा, लेकिन इस 2020 में उत्तराखंड राज्य ने क्या-क्या उपलब्धियां हासिल की और किस क्षेत्र में राज्य का प्रदर्शन अव्वल रहा. जानिए इस रिपोर्ट में.

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग लाइसेंस देने वाला पहला राज्य

लीज पर कृषि भूमि देने की पॉलिसी बनाकर उत्तराखंड देश का पहला कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग लाइसेंस देने वाला राज्य बना. कृषि कानून बिल पर राष्ट्रपति भवन से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने उत्तराखंड में इसे लागू करने का आदेश जारी किया. बता दें कि इस पॉलिसी के तहत 30 साल की लीज पर कृषि भूमि को दिया जाता है, जिसका किराया उस भूमि मालिक किसान को दिया जाता है. इस पॉलिसी के तहत कोई भी संस्था, कंपनी या फिर एनजीओ 30 साल के लिए कृषि भूमि को लीज पर ले सकता है. इस भूमि के आसपास की सरकारी जमीन को संबंधित जिलाधिकारी के अप्रूवल से शुल्क भुगतान कर जमीन लीज पर जा सकती है.

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग लाइसेंस देने वाला उत्तराखंड बना पहला राज्य

स्वच्छ भारत सर्वेक्षण पुरस्कार

स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में इस वर्ष उत्तराखंड को तीन बड़े पुरस्कार मिले और तीसरे सबसे अच्छे राज्य का दर्जा भी प्राप्त हुआ. बता दें कि हर वर्ष केंद्र सरकार द्वारा देश के 100 शहरी निकायों की श्रेणी जारी की जाती है, जिसमें उत्तराखंड की नंदप्रयाग नगर पंचायत को पहला स्थान मिला. वहीं, सिटीजन फीडबैक में अल्मोड़ा कैंट को पहला स्थान मिला.

स्वच्छ भारत सर्वेक्षण पुरस्कार

नीति आयोग के एक्सपोर्ट प्रिपेरेडनेस इंडेक्स में जगह

हाल ही में नीति आयोग और इंस्टिट्यूट ऑफ कंपेटिटिवेनेस द्वारा एक्सपोर्ट प्रिपेरेडनेस इंडेक्स 2020 यानी ईपीआई की रिपोर्ट जारी की गई. यह रिपोर्ट निर्यातक तत्परता के क्षेत्र में भारतीय राज्यों के प्रदर्शन से संबंधित पहली रिपोर्ट है. इंडेक्स में गुजरात ने पहला स्थान हासिल किया तो वहीं हिमालयी राज्यों में त्रिपुरा और हिमाचल के बाद उत्तराखंड सबसे ऊपर रहा.

नीति आयोग के एक्सपोर्ट प्रिपेरेडनेस इंडेक्स 2020 में जगह

साक्षरता दर की सूची में उत्तराखंड का तीसरा स्थान

इसी साल नेशनल स्टेटिकल ऑफिस और मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन द्वारा कंडक्ट होने वाली हाउसहोल्ड सोशल कंजप्शन की नेशनल सैंपल सर्वे के 75 राउंड की रिपोर्ट, जो कि वर्ष जुलाई 2017 से जून 2018 पर आधारित थी. उसके आधार पर साक्षरता सूची में केरल राज्य एक बार फिर से 96.2% की साक्षरता दर के साथ पहले नंबर पर रहा. जिसके बाद दूसरे साथ पर दिल्ली की साक्षरता दर 88.7% और 87.6% साक्षरता के साथ उत्तराखंड तीसरे स्थान पर रहा. वहीं, उत्तराखंड के बाद पड़ोसी राज्य हिमाचल 85.9% लिट्रेसी रेट के साथ चौथे स्थान पर रहा.

साक्षरता दर की सूची में उत्तराखंड का तीसरा स्थान

QDA एंटीना स्थापित करने वाला पहला राज्य

इसी साल अक्टूबर माह में उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के शेडो एरिया यानी जिन क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या रहती है. वहां पर संचार की नवीनतम प्रणाली क्विक डेप्लॉयबल एंटीना की शुरुआत की गई. इस तकनीकी का उपयोग करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है. एसडीआरएफ द्वारा स्थापित इस टेक्नोलॉजी के बाद उत्तराखंड के सीमांत गांव जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े हुए सुदूरवर्ती गांव भी शामिल हैं, वहां पर टेलिफोनिक कनेक्टिविटी बढ़ गई और संचार तंत्र मजबूत हुआ है.

QDA एंटीना स्थापित करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य

पहला रामसर स्थल

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने आसन कंजर्वेशन रिजर्व को उत्तराखंड का पहला रामसर स्थल बनाने की घोषणा की है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय महत्व का वेटलैंड बनाता है. यह रिजर्व हिमालय के गढ़वाल क्षेत्र में देहरादून जिले के पास यमुना घाटी के तट पर मौजूद है. आसन कंजर्वेशन रिजर्व ने रामसर साइट घोषित किए जाने वाले 9 मापदंडों में से पांच को पूरा करने के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड के रूप में पहचान मिली है. इसने प्रजातियों और पारिस्थितिक समुदाय श्रेणी जल पक्षियों पर और दूसरा मछलियों के मापदंडों को पूरा किया है. इसलिए रामसर संरक्षण रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय महत्व का स्थल घोषित किया गया है. इसके साथ भारत में रामसर साइटों की संख्या 38 हो गई है, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है.

आसन कंजर्वेशन रिजर्व बना उत्तराखंड का पहला रामसर स्थल

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उड़ान योजना के तहत हेलिकॉप्टर सेवा शुरू

8 फरवरी 2020 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के सचिव प्रदीप सिंह को रुला के साथ पहले हेली सेवा की शुरुआत की, जो देहरादून सहस्त्रधारा हेलीपैड से गोचर और सहस्त्रधारा हेलीपैड से चिन्यालीसौड़ तक रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई. इस योजना के तहत हेली सेवाओं को आम आदमी के मुफीद बनाने की शुरुआत की गई.

उड़ान योजना के तहत हॉलिकॉप्टर सेवा शुरू

सरकारी महाविद्यालयों में फ्री वाईफाई सेवा

9 नवंबर 2020 को प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों में 4G इंटरनेट की शुरुआत की गई, जिसके बाद उत्तराखंड के सभी राजकीय कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी, हाई स्पीड इंटरनेट, वाईफाई सर्विस की शुरुआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी शुरुआत अपनी डोईवाला विधानसभा के राजकीय महाविद्यालय से की थी. वहीं, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में इस योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है.

सरकारी महाविद्यालयों में फ्री वाईफाई सेवा

पहला स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर

उत्तराखंड राज्य में देश का पहला स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर विकसित किया जा रहा है. जो कि उत्तरकाशी फॉरेस्ट रेंज में किया जाना है. यह कंजर्वेशन सेंटर उत्तराखंड के वन विभाग द्वारा यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत विकसित किया जा रहा है. इस केंद्र को विकसित करने का मुख्य उद्देश्य स्नो लेपर्ड का संरक्षण किया जाना है, जो कि पूरे विश्व में एक विलुप्त होती प्रजाति है. केंद्र के माध्यम से उच्च हिमालय क्षेत्र के इकोसिस्टम और वहां के जैव विविधता को विकसित करने और उसके संरक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

पहला स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर उत्तराखंड में स्थापित

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सबसे अधिक बाघ

साल 2020 में ग्लोबल टाइगर डे के मौके पर यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ एनवॉयरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें ऑल इंडिया टाइगर इमिटेशन सर्वे में उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क में बाघों की संख्या सबसे ज्यादा 231 पाई गई, जिसके बाद कर्नाटक के नागरहोल और बांदीपुर टाइगर रिजर्व में 127 और 126 टाइगर पाए गए.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सबसे अधिक बाघों की संख्या
Last Updated : Mar 31, 2021, 2:23 PM IST

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