देहरादून: कोरोना काल में देश-दुनिया में भले ही मंदी छाई रही हो. उद्योग धंधे से लेकर हर सेक्टर नुकसान में रहा हो, लेकिन नेतागिरी का काम कभी मंदा नहीं पड़ा. राजनेताओं की बढ़ती संपत्ति को देखकर तो कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है. इन नेताओं की सपंत्ति दिन दूनी-रात चौगुनी बढ़ती ही जा रही है. इसका खुलासा नेताओं द्वारा निर्वाचन आयोग को दिए गए शपथ पत्र में हो रहा है.
विधानसभा चुनाव के दौरान शपथ पत्र में नेताओं ने अपनी संपत्ति का जो ब्यौरा सार्वजनिक किया है. वह इस बात को साबित करने के लिए काफी है. नेतागिरी भले ही जनसेवा के लिए जानी जाती है, लेकिन हकीकत में यह काम हर हाल में मुनाफे से जुड़ा है.
5 सालों में 60 फीसदी तक बढ़ी संपत्ति: देश के पांच राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी इन दिनों चुनावी शोर है. राजनेता प्रत्याशी के रूप में विभिन्न विधानसभाओं से नामांकन करवा रहे हैं. इस दौरान शपथ पत्र में वह अपनी संपत्ति का भी खुलासा कर रहे हैं. प्रत्याशियों की तरफ से संपत्ति का जो ब्यौरा दिया जा रहा है. वह बेहद चौंकाने वाला है. दरअसल कई राजनेताओं की संपत्तियों से जाहिर होता है कि उन्होंने 5 सालों में ही 60% से ज्यादा संपत्तियां जुटाई हैं.
यशपाल आर्य की संपत्ति में इजाफा: सबसे पहले बात हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए यशपाल आर्य की करें तो, उनके संपत्ति में पिछले 5 सालों में 60% तक का इजाफा हुआ है. 2017 के दौरान उन्होंने 9.57 करोड़ की चल अचल संपत्ति दिखाई थी. जबकि अब उनके पास 15.49 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है. उधर उनके पुत्र संजीव आर्य ने भी नैनीताल विधानसभा सीट से नामांकन करवाया है. जिन्होंने 2017 में 60 लाख की चल संपत्ति और 1.75 करोड़ की अचल संपत्ति दिखाई थी, जो कि अब चल संपत्ति 2.42 करोड़ हो चुकी है और अचल संपत्ति 3.35 करोड़ हो गई है.
मदन कौशिक की संपत्ति में भी बढ़ोत्तरी: वहीं, हरिद्वार विधानसभा सीट पर पिछले चार बार से विधायक रहे मदन कौशिक ने भी पिछले 10 सालों में अपनी संपत्ति को 1 करोड़ से अधिक पहुंचा दिया है. साल 2012 में मदन कौशिक ने चल संपत्ति 20 लाख 23 हजार दिखाई थी, जो अब 2022 में बढ़कर 1.13 करोड़ पहुंच गई है. उधर अचल संपत्ति की बाजार कीमत चार करोड़ दिखाई है.