डोइवालाःगर्मी के शुरू होते ही कई जगह पेयजल का संकट गहराने लगा है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोइवाला विधानसभा में पानी के लिए हाहाकर मचा हुआ है. कांडर वाला क्षेत्र में पेयजल निगम ने करोड़ों की लागत से टंकी का निर्माण तो कर दिया, लेकिन पानी की सप्लाई के लिए पाइप लाइन डालना भूल गया. इतना ही नहीं यह टंकी निर्माण के एक साल के भीतर ही लीकेज होने लगी है. वहीं, पानी की सप्लाई ना होने से स्थानीय लोग दूर-दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोइवाला विधानसभा में पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण.
बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोइवाला विधानसभा के कांडर वाला के ग्रामीण लंबे समय से पानी की टंकी की मांग कर रहे थे. लंबे संघर्ष के बाद गांव में वित्तीय संस्था नाबार्ड के सहयोग से 3 करोड़ की लागत से पेयजल निगम ने पानी की टंकी बना दी, लेकिन एक साल में ही टंकी लीकेज होने लगी है. गांव में पानी की सप्लाई के लिए भी पाइपलाइन नहीं डाला गया. ऐसे में टंकी महज शो पीस बन कर रह गई है.
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ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पानी की किल्लत को देखते हुए टंकी का निर्माण किया गया था, लेकिन टंकी बन जाने के बाद भी गांव वालों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि पेयजल निगम ने टंकी बनाते समय पैसों की बर्बादी की है. टंकी का लीकेज होना बड़ी लापरवाही है. ग्रामीण दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. स्थानीय सभासद हिमांशु राणा ने बताया कि टंकी बनने के बाद भी वार्ड नं 3 में पानी की समस्या बनी हुई है. समस्या को लेकर सीएम से बात की जाएगी. वहीं, उन्होंने लापरवाह अधिकारियों और टंकी निर्माण में लीपापोती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
मामले पर जल संस्थान के अधिशासी अधिकारी विनोद असवाल का कहना है कि तीन करोड़ की लागत से वित्त पोषित संस्था नाबार्ड और उत्तराखंड पेयजल निगम ने टंकी का निर्माण कराया है. टंकी के लीकेज पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि टंकी के वाटर लेवल की डोरी टूट गई है. जिसकी वजह से टंकी लीक कर रही है. जिसको ठीक कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह टंकी पेयजल निगम ने अब जल संस्थान को सुपुर्द कर दी है. जल्द ही जल संस्थान गांव में पानी की सप्लाई के लिए पाइपलाइन बिछाने का काम करेगा.