हरिद्वार: मॉनसून की दस्तक ने हरिद्वार नगर निगम की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है. चंद घंटों की बारिश में ही पूरा शहर झील में तब्दील हो चुका है. गौरतलब है कि हरिद्वार महाकुंभ की तैयारियों को लेकर प्रशासन बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन कल रात हुई बारिश ने इन सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है. पूरा शहर बारिश की वजह से जलमग्न हो गया है. आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ? ईटीवी भारत ने हरिद्वार की जनता से जानने की कोशिश की. वह इसका कसूरवार किसे मानती है देखिए ईटीवी भारत की रिपोर्ट.
हर साल मॉनसून का सीजन आता है, जिसके लिए हरिद्वार प्रशासन पहले से ही तैयार होने का दावा करता है, लेकिन हर साल हरिद्वार की एक ही तस्वीर मॉनसून के सीजन में दिखाई देती है. हरिद्वार पूरी तरह जलमग्न दिखाई देता है. साथ ही पहाड़ों से आया पानी हरिद्वार के बाजारों में बहता हुआ दिखता है. बाजारों में सिर्फ और सिर्फ पानी और कीचड़ ही दिखाई देता है. आमजन की मानें तो यह लापरवाही प्रशासन की तरफ से होती है. क्योंकि अधिकारी सिर्फ और सिर्फ एसी दफ्तरों में बैठकर मॉनसून की प्लानिंग बनाते हैं, जो कि धरातल पर नहीं उतर पाती है और जिसका खामियाजा हरिद्वार की जनता को भुगतना पड़ता है.