उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

केदारधाम का पैदल सफर होगा आसान और सुरक्षित, PM मोदी के दौरे से पहले हो रहा ये बड़ा काम - Alternative route to Kedarnath Dham

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के केदारनाथ दौरे से पहले धाम के सफर को सुगम और सुरक्षित करने को लेकर गंभीर चिंतन हो रहा है. केंद्र की मंजूरी मिली तो न केवल बाबा केदार तक पहुंचने का रास्ता बेहद आसान हो जाएगा, बल्कि मौजूदा रास्ते पर एवलॉन्च के खतरे को भी खत्म किया जा सकेगा. बाबा केदार के पैदल रास्ते को लेकर राज्य और केंद्र सरकार क्या योजना तैयार कर रही हैं, जानिए.

PM Modi Kedarnath Tour
पीएम मोदी का केदारनाथ दौरा

By

Published : Oct 14, 2022, 12:38 PM IST

Updated : Oct 14, 2022, 4:53 PM IST

देहरादून:बाबा भोले के धाम तक पहुंचने के लिए पैदल मार्ग की कठिनाइयों को राज्य सरकार केंद्र के साथ मिलकर आसान करने जा रही है. हालांकि, केदारनाथ आपदा 2013 के बाद एक नए वैकल्पिक रास्ते पर केदारनाथ की यात्रा को संचालित किया जा रहा है, लेकिन हकीकत में इस रास्ते का लंबे समय तक प्रयोग किसी खतरे से कम नहीं है. ऐसा 2013 की जल प्रलय के बाद खुद वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में बताया था.

यही कारण है कि शायद राज्य और केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और पैदल मार्ग को सुरक्षित करने से जुड़ा प्रस्ताव स्टेट वाइल्ड लाइफ के साथ ही नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड में भी लाया गया है. वाडिया इंस्टीट्यूट के पूर्व वैज्ञानिक बीपी डोभाल ने बताया कि केदारनाथ धाम की चोटियों पर कोई स्थाई ग्लेशियर नहीं हैं. केदारनाथ मंदिर ऊपर स्थित है चौराबाड़ी ग्लेशियर. इसके साथ ही यहां एक और भी ग्लेशियर है. उन्होंने बताया कि अभी तक इन ग्लेशियर में आठ एवलॉन्च उठे हैं और ये हमेशा एक्टिव रहते हैं.

केदारधाम का पैदल सफर होगा आसान और सुरक्षित.

उन्होंने कहा केदारनाथ रास्ते में एवलॉन्च आने के चांस कम होते हैं. वो भी एवलॉन्च तब आते हैं, जब ज्यादा बर्फबारी होती है. उसके बाद जब रास्तों को साफ किया जाता है. उन्होंने कहा इस रास्ते में अभी तक कई लोगों को जान भी गई है. ऐसे में यह रास्ता स्थाई रूप से ठीक नहीं हैं. आपको बता दें कि पूर्व वैज्ञानिक बीपी डोभाल ने केदारनाथ आपदा के बाद यहां के रास्ते समेत आसपास के ग्लेशियर को लेकर भी अध्ययन किया था.
पढ़ें-उत्तरकाशी एवलॉन्च: बेस कैंप से बंगाल के प्रशिक्षु पर्वतारोही का शव मातली हेलीपैड लाया गया, रेस्क्यू जारी

वैकल्पिक मार्ग क्यों है खतरनाक: केदारनाथ धाम में इस बार अब तक के रिकॉर्ड श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संभवत 23 या 24 अक्टूबर को केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं. इसलिए सबसे पहले वैकल्पिक मार्ग में बदलाव को लेकर जो खबर आई है, वह बेहद उत्साहित करने वाली है. हालांकि, अब भी 2013 के बाद लगातार वैकल्पिक मार्ग पर यात्रा का संचालन किया जा रहा है, लेकिन यह यात्रा मार्ग बेहद खतरनाक है.

खतरनाक है केदारनाथ धाम का वैकल्पिक मार्ग.

आपको बता दें कि केदारनाथ में जब 2013 के दौरान आपदा आई तो रामबाड़ा से केदारनाथ तक का पुराना मार्ग पूरी तरह से बह गया था. ऐसे में यात्रा को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए पुराने मार्ग के ठीक सामने वाले मार्ग को वैकल्पिक रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि, उसी दौरान वैज्ञानिकों के अध्ययन के बाद से सरकार पुराने मार्ग पर भी विचार कर रही है. वैज्ञानिकों ने सलाह दी थी कि मंदाकिनी नदी के ठीक ऊपर नदी के किनारे यात्रा मार्ग को तैयार करना सबसे ज्यादा सुरक्षित होगा. इसके अलावा रोपवे की भी पूर्व में सलाह दी गई थी.

खतरनाक है केदारनाथ धाम का वैकल्पिक मार्ग.
पढ़ें- उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में महफूज नहीं हैं बहन बेटियां, 9 महीने में रेप की 322 घटनाएं

केंद्र में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में केदारनाथ के पुराने रास्ते के प्रस्ताव पर चर्चा की गई है. हालांकि वहां से अभी हरी झंडी मिलना बाकी है. लेकिन राज्य के बाद केंद्र सरकार भी इस मार्ग के वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित होने के दावों के बाद इसे जल्द से जल्द तैयार करने की दिशा में विचार कर रही है. जल्द ही इसे हरी झंडी मिलने की उम्मीद है. आपको बता दें कि केदारनाथ का यह पूरा क्षेत्र केदारनाथ वन्य जीव विहार में आता है. लिहाजा, वन विभाग और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय भी इस पर विचार कर रहे हैं.

केदारनाथ धाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले खुशखबरी यह भी है कि इस पैदल मार्ग को सुगम बनाने के लिए दो रूप में तैयार करने पर राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है. हालांकि, राज्य सरकार और केंद्रीय वन्यजीव बोर्ड में यह प्रस्ताव पहले भी आ चुका है. लेकिन अब जाकर इसे हरी झंडी मिली है. इसके तहत सोनप्रयाग से रामबाड़ा तक इसे इस रूप में तैयार किया जाएगा कि उधर रामबाड़ा से केदारनाथ तक दूसरे रोपवे का निर्माण होगा. इस तरह केदारनाथ आने वाले यात्रियों को हेलीकॉप्टर की बुकिंग में आने वाली दिक्कतों से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. यही नहीं, इस कठिन पैदल सफर को भी रोपवे के जरिए आसान किया जा सकेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी केदारनाथ धाम पहुंचते हैं तो कोई बड़ी सौगात जरूर देकर जाते हैं. लेकिन इस बार उनके इस दौरे से पहले ही बाबा के धाम तक पहुंचने के लिए पैदल सफर को लेकर अच्छी खबर सामने आई है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस पर काम भी शुरू हो सकेगा.

Last Updated : Oct 14, 2022, 4:53 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details