देहरादून:उत्तराखंड में कांग्रेस और बीजेपी जीत का दावा कर रही हैं, लेकिन 10 मार्च को ये तस्वीर साफ हो जाएगी. भले की पिछले चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल कर कांग्रेस के वोट शेयर को गिराया हो, लेकिन इस बार कांग्रेस परिणाम ठीक उलट होने का दावा कर रही है. जिस तरह के कांग्रेस अटकलें लगा रही है, क्या प्रदेश में उलटफेर होगा. ये तो मतगणना के दिन ही पता चलेगा, लेकिन चुनावी मौसम में वोट शेयर का गणित समझना जरूरी है. आइए जानते हैं क्या रहा आज तक उत्तराखंड में वोट शेयर...
क्या भाजपा के कई नेता गफलत में हैं: वहीं, वोट शेयर के मामले में उत्तराखंड में दोनों बड़े दल भाजपा और कांग्रेस औसतन 30 से 35 के बीच ही उत्तराखंड का मत प्रतिशत अपने नाम कर चुके हैं. लेकिन 2017 के चुनाव परिणाम अप्रत्याशित थे और भाजपा के वोट शेयर में गजब का उछाल देखने को मिला था. भाजपा के कई नेता आज भी उसी गफलत में है कि 2017 के मत प्रतिशत से ही मुकाबला होगा और उसी 46 फीसदी मत प्रतिशत के आस पास ही भाजपा का वोट शेयर रहने वाला है.
अब तक का वोट शेयर:उत्तराखंड के पहले विधानसभा चुनाव 2002 में कांग्रेस जीत कर आई और कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में 36 सीटें जीती थी, जिनमें 36 सीटों से सरकार बनाने वाली कांग्रेस पार्टी का पूरे प्रदेश में वोट परसेंट 26.91% रहा था. जबकि दूसरे नंबर पर 19 सीटों के साथ रहने वाली भाजपा का वोट परसेंट 25.45% था. वर्ष 2007 में हुए उत्तराखंड के दूसरे विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बढ़त बनाई थी और पूरे प्रदेश में भाजपा 34 सीटें जीत कर लाई थी.
दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस:इसमें एक खास बात यह भी है कि यह चुनाव केवल 69 सीटों पर लड़ा गया, क्योंकि (बाजपुर 59) विधानसभा पर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के प्रत्याशी जनक राज शर्मा जोकि उधम सिंह नगर के जिला पंचायत भी रह चुके थे और कांग्रेस के बेहद प्रभावशाली नेता थे वह चुनाव प्रचार के दौरान एक सड़क दुर्घटना में दिवंगत हो गए और इस सीट पर चुनाव टल गए. इस तरह से 2007 विधानसभा चुनाव परिणाम में सरकार बनाने वाली भाजपा का वोट प्रतिशत 31.90% रहा और 21 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस का वोट प्रतिशत 29.59% रहा.