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कोरोना संकट के बीच योग भी होगा वर्चुअल, जानिए कैसी है 21 जून की तैयारी

कोरोना संकट के बीच 21 जून को छठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 'वर्चुअल योग दिवस' के रूप में मनाया जाएगा.

virtual yoga day
कोरोना संकट के बीच योग भी होगा वर्चुअल.

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Published : Jun 20, 2020, 3:59 PM IST

देहरादून: देश-दुनिया में कोरोना का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना संकट के बीच नेताओं ने वर्चुअल रैलियों का सहारा लेते हुए लोगों से जनसंवाद किया. वहीं दूसरी तरफ हमारी आम जिंदगी में योग भी अब वर्चुअल होता जा रहा है. उत्तराखंड में योग और अध्यात्म को लेकर होने वाले सबसे बड़े आयोजन योग महोत्सव पर कोरोना का संकट छाया हुआ है. 21 जून को योग दिवस फिलहाल 'वर्चुअल योग दिवस' के रूप में मनाया जाएगा.

कोरोना संकट के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने 21 जून को छठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी लोगों से घर पर ही योग करने की अपील की है. वहीं, उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक इस बार योग दिवस 'वर्चुअल योग दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. उत्तराखंड में सभी विधायक, मंत्री, कार्यकर्ता अपने घरों में रहकर योग महोत्सव मनाएंगे.

कोरोना संकट के बीच योग भी होगा वर्चुअल.

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उत्तराखंड भाजपा भी योग महोत्सव को लेकर पूरी तरह से तैयार है. पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने घरों में रहकर योग करेंगे. इसके साथ ही पार्टी द्वारा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि ऑनलाइन माध्यमों के जरिए योग महोत्सव को प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा. कोरोना संकट के बीच इस बार की थीम कोरोना प्रकोप नियंत्रण उपाय पर रखा गया है.

योग दिवस की थीम

  • 2015 में सद्भाव और शांति का थीम.
  • 2016 में युवाओं को कनेक्ट करने का थीम.
  • 2017 में स्वास्थ्य के लिए योग थीम.
  • 2018 में शांति के लिए योग थीम.
  • 2019 में योगा फॉर हार्ट थीम.
  • 2020 में कोरोना प्रकोप नियंत्रण उपाय थीम.

21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र को सितम्बर 2014 में दिए सुझाव के बाद 21 जून 2015 को पहली बार पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया गया. 21 जून के दिन सूरज जल्दी उदय होता है और देरी से ढलता है. माना जाता है कि इस दिन सूर्य का तेज सबसे प्रभावी रहता है और प्रकृति की सकारात्मक उर्जा सक्रिय रहती है.

21 जून को ही योग दिवस मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा भी है. कथाओं के अनुसार योग का पहला प्रसार शिव द्वारा उनके सात शिष्यों के बीच किया गया. कहते हैं कि इन सप्त ऋषियों को ग्रीष्म संक्राति के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा के दिन योग की दीक्षा दी गई थी, जिसे शिव के अवतरण के तौर पर भी मनाते हैं. इसे दक्षिणायन के नाम से भी जाना जाता है.

योग दिवस का महत्व

योग तन और मन से जुड़े तमाम तरह के रोग और विकारों को दूर कर मनुष्य का जीवन आसान कर देता है. यह मानव की हर तरह की शुद्धि का आसान उपकरण है. योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है. योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार समाहित किया गया है. योग को प्राचीन भारतीय कला का एक प्रतीक माना जाता है. भारतीय योग को जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जावान बनाए रखने के लि‍ए महत्वपूर्ण मानते हैं. 21 जून योग दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में योग के प्रति जागरुकता और तनावमुक्त करना भी है.

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