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स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित होंगे उत्तराखंड के गांव, कंप्यूटर-इंटरनेट सुविधा का होगा विस्तार

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उत्तराखंड के गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने की तैयारी में हैं. इसके साथ ही राज्य में पर्यटकों की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में कार पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण पर्यटक स्थलों पर जाम की स्थिति बनी रहती है. इसलिए प्रत्येक जिला पंचायत पर्यटक स्थलों के समीप स्थान चिन्हित करते हुए वहां कार पार्किंग की उचित व्यवस्था करने के साथ-साथ कंजेक्शन टैक्स (Congestion Tax- भीड़ कर) लागू करने के निर्देश दिए हैं.

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देहरादून

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Published : Apr 28, 2022, 9:04 AM IST

देहरादून:पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज (Panchayati Raj Minister Satpal Maharaj) ने बुधवार को पंचायतीराज निदेशालय, डांडालखौड में पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली. पंचायती राज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री महाराज ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य में पर्यटकों की संख्या में हरसाल लगातार इजाफा हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में कार पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण पर्यटन स्थलों पर जाम की स्थिति बनी रहती है. ऐसे में सतपाल महाराज ने प्रत्येक जिला पंचायत, पर्यटन स्थलों के समीप स्थान चिन्हित करते हुए 15वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से वहां कार पार्किंग की उचित व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य के अधितर युवा सेना एवं पुलिस की तैयारी करते हैं और पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं के लिए जिम आदि की व्यवस्था नहीं है. अतः वित्त आयोग के अंतर्गत क्षेत्र पंचायतों को प्राप्त धनराशि से प्राथमिकता के आधार पर प्रत्येक विकासखंड में एक जिम स्थापित किया जाए. पंचायती राज मंत्री ने कहा कि राज्य की कुछ ग्राम पंचायतें स्वयं से आय कर रही हैं. उनका अनुसरण करते हुए अन्य ग्राम पंचायतें भी स्वयं के आय के स्रोतों को बढ़ाएं और इसके लिए संबंधित जिला पंचायत राज अधिकारी सभी पंचायतों को सुझाव जारी करें.

महाराज ने कहा कि जिन पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटक अधिक संख्या में आते हैं, वहां जिला पंचायतें कंजेक्शन टैक्स (Congestion Tax) लागू करें. उन्होंने सुझाव दिया कि प्रारम्भ में उक्त टैक्स अवकाश दिवसों में लागू किया जा सकता है. इसके साथ ही उत्तराखंड के प्रत्येक गांव को स्मार्ट विलेज के रूप में परिवर्तित किया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक गांव में कम्प्यूटर, इंटरनेट, बिजली, पानी आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी. ग्राम पंचायत में स्थित सभी विद्यालयों, आंगनबाडी केन्द्रों, पंचायत घरों एवं अन्य सामुदायिक भवनों में पेयजल एवं शौचालय की उपलब्धता अनिवार्य रूप करने के निर्देश दिए हैं.
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उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कि समस्त जिला पंचायत राज अधिकारी उक्त व्यवस्था का स्थानीय निरीक्षण कर संबंधित विभाग एवं निदेशालय को अवगत करायेंगे. विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि पंचायतों में किसी भी सामुदायिक भवन का निर्माण इस प्रकार किया जाए कि उक्त भवन भविष्य में बहुउद्देश्यीय रूप में उपयोग में लाया जा सके. महाराज ने कहा कि प्रत्येक माह में विभाग के कार्यों की प्रगति के संबंध में एक बैठक भी आयोजित की जाएगी.

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