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विकासनगर: लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री संचालकों के सामने आर्थिक संकट - financial constraints in front of factory operators

लॉकडाउन के कारण सभी वर्गों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्री संचालकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री संचालकों के सामने आर्थिक संकट

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Published : Jun 10, 2020, 1:40 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 7:19 PM IST

विकासनगर: कोरोना लॉकडाउन के बाद औद्योगिक क्षेत्रों से प्रवासी मजदूर अपने घर लौट गए. इस कारण फैक्ट्री संचालकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि फैक्ट्री संचालक आर्थिक संकट में घिर गए हैं.

लॉकडाउन का असर सभी वर्गों पर पड़ा है. इसमें औद्योगिक इकाइयां भी शामिल हैं. सेलाकुई की करीब 350 औद्योगिक इकाइयों से हजारों श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ था. स्थानीय दुकानदारों और अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के साथ ही कमरे किराए पर देने वालों को भी आय होती थी. लेकिन लॉकडाउन के दौरान अधिकतर प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस लौट चुके हैं, जिससे स्थानीय लोगों की आय पर फर्क पड़ा है.

लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री संचालकों के सामने आर्थिक संकट.

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उत्तराखंड इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक महेश शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में सरकार और फैक्ट्री प्रबंधन के बीच सामंजस्य स्थापित न होने के चलते काफी समस्या आई है. इस वजह से फैक्ट्री संचालकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि न बिजली के बिल माफ किए गए हैं और न ही अभी तक सरकार की ओर से उन्हें कोई राहत मिल पाई है. सेलाकुई क्षेत्र में स्थापित औद्योगिक इकाइयों में लॉकडाउन से पहले जहां 60 से 70 हजार मजदूर काम कर रहे थे वहीं अब 20 से 25 हजार मजदूर ही काम पर हैं.

Last Updated : Jun 10, 2020, 7:19 PM IST

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