विकासनगर: नम भूमि क्षेत्र (कंजरवेशन रिजर्व) के संरक्षण के लिए दुनिया की सबसे बड़ी साइट रामसर साइट ने आसन रिजर्व कंजर्वेशन वैटलैंड क्षेत्र को मान्यता दे दी है. इसके साथ ही देश में रामसर साइट की संख्या 38 पहुंच गई है, जो पूरे साउथ एशिया में सबसे अधिक है. दुनिया में नम भूमि संरक्षण के लिए स्थापित रामसर साइट की मान्यता मिलने के बाद उत्तराखंड का आसन बैराज रिजर्व कंजरवेशन अब दुनिया के मानचित्र पर दिख सकेगा, जिससे देश ही नहीं दुनिया के नम भूमि से जुड़े विशेषज्ञों से लेकर पक्षी प्रेमी आसन कंजर्वेशन का दीदार कर सकेंगे.
लंबे समय से वन विभाग के अधिकारी आसन कंजर्वेशन रिजर्व को रामसर साइट में शामिल करने की कोशिश कर रहे थे, जिसमें अब वन विभाग की सफलता रंग लाई है. विकासनगर तहसील मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित आसन झील और उसके आसपास के इलाके को वर्ष 2005 में आसन कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था, जो देश का पहला कंजर्वेशन रिजर्व है.
चकराता वन प्रभाग के डीएफओ दीपचंद आर्य ने बताया कि केंद्र, राज्य और वन विभाग की कोशिशों के चलते आसन कंजर्वेशन रिजर्व रामसर का टैग हासिल हुआ है. आसम कंजर्वेशन देश का पहला कंजर्वेशन रिजर्व है. 444.40 हेक्टेयर भूभाग में फैले इस रिजर्व में हर साल 54 से अधिक विदेशी प्रजातियों के पक्षी 6 माह के प्रवास पर आते हैं. अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में आसन झील में विदेशी पक्षियों का एक समूह पहुंच चुका है और लगातार विदेश पक्षियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. दिसंबर मध्य तक इनकी संख्या अपने सर्वोच्च स्तर पर होती है. मार्च तक झील ही इन पक्षियों का निवास स्थान होता है. झील में मध्य एशिया समेत चीन, रूस आदि इलाकों से पक्षियां प्रवास पर पहुंचते हैं.
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क्या है रामसर साइट