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यहां नाली में नहीं जाते मंदिर में चढ़े फूल, महिलाओं को मिल रहा रोजगार, वेस्ट टू बेस्ट की पहल है खास

Waste Flower to Agarbatti Making in Dehradun हर दिन मंदिरों में चढ़ने वाले कई क्विंटल फूल अक्सर नाली या फिर कूड़े में फेक दिए जाते हैं, लेकिन देहरादून के विकास उनियाल इन खराब फूलों को जमा कर पूजा की सामग्री तैयार कर रहे हैं. खास बात ये है कि उनके इस अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाने के काम में गरीब महिलाएं जुड़ी हुई हैं. जिन्हें रोजगार मिलने के साथ ही आर्थिकी का भी सहारा मिल रहा है.

Agarbatti by Waste Flowers in Dehradun
बेकार फूलों से धूप और अगरबत्तियां

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 16, 2024, 8:37 PM IST

Updated : Jan 16, 2024, 10:33 PM IST

फूलों से तैयार की जा रही घूप और अगरबत्तियां

देहरादून: मंदिरों में हर दिन कई टन पूजन सामग्री इस्तेमाल होने के बाद या तो नालियों में बहा दी जाती है या फिर कूड़े में फेंक दी जाती है. खास तौर से पूजा में इस्तेमाल होने वाले फूल. ये फूल कुछ सेकंड पहले बेहद पूजनीय और महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन एक बार अर्पित होने के बाद उनकी जरूरत और कीमत दोनों खत्म हो जाते हैं. भले ही कूड़े में जाते ये फूल आपको जरूर दुख दें, लेकिन यह उसकी नियति मानकर आप भी आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन पूजा में इस्तेमाल होने वाले वाले इन बेकार फूलों की नियति को बदलने का काम देहरादून के विकास उनियाल कर रहे हैं.

महिलाओं को मिला रोजगार

हर दिन जमा करते हैं 3 से 4 क्विंटल फूल:दरअसल, देहरादून के रहने वाले विकास उनियाल हर दिन शहर के विभिन्न मंदिरों में पूजा में इस्तेमाल होने के बाद कूड़े में फेंके जाने वाले इन फूलों को इकट्ठा करते हैं. उन्होंने बताया कि वो हर दिन तकरीबन 300 से 400 किलो मंदिरों में बेकार पड़े फूलों को इकट्ठा करते हैं. वो यह काम पिछले दो सालों से करते आ रहे हैं. अब सवाल उठता है कि आखिर विकास इन फूलों का करते क्या हैं? जिसके जवाब में विकास उनियाल बताते हैं कि वो इन खराब हुए फूलों को प्रोसेस कर ऑर्गेनिक धूप और अगरबत्ती बनाकर वापस बाहर सेल करते हैं.

वेस्ट फूलों से बनी धूप और अगरबत्तियां
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बेकार पड़े फूलों से बनाते हैं बेहतर प्रोडक्ट, गरीब महिलाओं को देते हैं रोजगार:विकास इस पूरे काम को अंजाम कुछ गरीब और जरूरतमंद महिलाओं की मदद से करते हैं. जिससे इन महिलाओं को रोजगार भी मिल जाता है. इस तरह से विकास उनियाल अपने एक बेहतरीन प्रयास से जहां एक तरफ मंदिरों में बेकार कूड़े में जाने वाले फूलों को एक बेहतरीन ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के रूप में रिसाइकिल करने का काम करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने का काम भी कर रहे हैं.

फूलों से तैयार किया जा रहा धूपबत्ती

फूलों से तैयार कर रहे ऑर्गेनिक धूप और अगरबत्तियां:ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए विकास उनियाल ने बताया कि वो नगर निगम और केवीआईबी (KVIB) की मदद से हर दिन तकरीबन 300 से 400 किलो वेस्ट फ्लावर जमा करते हैं. इसकी मदद से वो प्रति किलो तकरीबन 6 हजार से ज्यादा ऑर्गेनिक धूप और अगरबत्तियां तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वो वेस्ट फूलों को प्रोसेस कर फ्लावर प्रोडक्ट तैयार करते हैं. फिर बिना किसी केमिकल के सिर्फ ओरिजनल ऑर्गेनिक एसेंसल ऑयल का इस्तमाल कर धूप और अगरबत्ती तैयार करते हैं.

विकास उनियाल ने पेश की मिसाल
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बेरोजगार युवाओं को लेनी चाहिए सीख:उन्होंने बताया कि मंदिरों के वेस्ट फ्लावर से तैयार होने वाले इस ऑर्गेनिक धूप, अगरबत्ती प्रोडक्ट को मार्केट से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. विकास उनियाल ने कहा कि देहरादून शहर से उन्होंने इस पहल की शुरुआत की है. जो अब बढ़ रहा है. उनका कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड में हजारों मंदिर हैं. हर दिन इन मंदिरों में लाखों टन फूल चढ़ाए जाते हैं, जो अर्पित होने के बाद बेकार हो जाते हैं. ऐसे में इस तरह के प्रोडक्ट तैयार कर उन्हें रीसायकल कर सकते हैं. साथ ही आजीविका चला सकते हैं.

Last Updated : Jan 16, 2024, 10:33 PM IST

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