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दारोगा भर्ती घोटाला: विजिलेंस ने सभी जिलों से 2015 में भर्ती हुए सब इंस्पेक्टरों की सूची मांगी - Recruitment of Sub Inspectors

राज्य सतर्कता निदेशक अमित सिन्हा ने कहा कि विजिलेंस ने सभी जिलों से 2015 में हुई सीधी भर्ती के उप निरीक्षकों की सूची मांगी है. दारोगा भर्ती घोटाला सामने आने के बाद इसकी जांच जारी है. 2015 में उत्तराखंड में 340 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती की गई थी. इन सभी का डाटा विजिलेंस ने मांगा है. विजिलेंस ने 8 अक्टूबर को 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

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दारोगा भर्ती घोटाला

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Published : Dec 19, 2022, 9:46 AM IST

Updated : Dec 19, 2022, 9:53 AM IST

देहरादून: सब इंस्पेक्टर भर्ती में धांधली के मामले में विजिलेंस ने सभी जिलों से 2015 में हुई सीधी भर्ती के निरीक्षकों की सूची मांगी है. विजिलेंस ने 8 अक्टूबर को 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उनमें से कई से पूछताछ की गई.

2015 में 340 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती की गई थी. इन सभी का डाटा विजिलेंस ने मांगा है. ताकि जांच में पता चल सके कि उत्तराखंड पुलिस में उस समय हेराफेरी कर कितने लोग सब इंस्पेक्टर बने थे. राज्य सतर्कता निदेशक अमित सिन्हा ने कहा कि मामले की जांच तेजी से चल रही है. जिलों से भर्ती हुए दारोगाओं की लिस्ट मिलने के बाद कई चीजें साफ हो जाएंगी.
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क्या है दारोगा भर्ती घोटाला: बता दें कि साल 2015-16 में उत्तराखंड पुलिस में अलग-अलग यूनिटों के लिए 340 दारोगाओं की सीधी भर्ती की गई थी. हालांकि तभी से भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में है. आरोप लगाया गया था कि दारोगा भर्ती परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी हुई है. बीते दिनों जैसे ही यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला सामने आया और एसटीएफ ने इस मामले की जांच शुरू की तो जांच के दौरान 2015-16 की दारोगा भर्ती परीक्षा में भी बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया.
एसटीएफ ने दारोगा भर्ती परीक्षा में घपले से जुड़े कुछ अहम सबूत पुलिस मुख्यालय को दिए थे. इन्हीं सबूतों के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने शासन को विजिलेंस से दारोगा भर्ती घोटाले की जांच करने की सिफारिश की थी. प्राथमिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई थी कि दारोगा भर्ती परीक्षा में आंसर की ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई थी और नियुक्तियों में धांधली की गई थी.

इसके बाद ही शासन ने विजिलेंस की कुमाऊं यूनिट को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे. वहीं, जांच में ये भी सामने आया है कि पंतनगर यूनिवर्सिटी ने ओएमआर शीट नष्ट कर दी है, जो नहीं होनी चाहिए था. क्योंकि ओएमआर शीट को नष्ट करने की एक प्रक्रिया होती है.
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Last Updated : Dec 19, 2022, 9:53 AM IST

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