देहरादून: उत्तराखंड में सहायक वन संरक्षक कोमल सिंह यूं तो तमाम मामलों को लेकर जांच के घेरे में रहे हैं, लेकिन इस बार जांच से जुड़ा यह मामला बेहद गंभीर है. दरअसल, सहायक वन संरक्षक कोमल सिंह पर इस बार विजिलेंस ने जांच का शिकंजा कसा है. विजिलेंस जहां पहले ही वन विभाग से कोमल सिंह से जुड़े तमाम तथ्य मांग चुकी है. वन विभाग के अधिकारी ने भी वन विभाग को अपनी सभी जानकारियां सौंप दी हैं.
उत्तराखंड वन विभाग ने सहायक वन संरक्षक कोमल सिंह कई जांचों के घेरे में रहे हैं. वन विभाग के स्तर पर कोमल सिंह को लेकर वित्तीय अनियमितता से लेकर कई दूसरे आरोपों को लेकर पूर्व में जांच के आदेश किए गए थे. इन जांचों को लेकर फिलहाल क्या हुआ, इस पर तो अभी वन विभाग स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाया है. लेकिन फिलहाल सहायक वन संरक्षक कोमल सिंह विजिलेंस जांच के शिकंजे में हैं.
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दरअसल, कोमल सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायत होने के बाद उनके खिलाफ विजिलेंस खुली जांच कर रही है. इस मामले में विजिलेंस ने वन विभाग के मुखिया के कार्यालय से कोमल सिंह से जुड़ी कई जानकारियां मांगी हैं. इन जानकारियों में कोमल सिंह की सेवा विवरण उनके वेतन विवरण और संपत्ति से जुड़ी घोषणा पत्र की जानकारियां भी मांगी हैं. यही नहीं कोमल सिंह के खिलाफ चल रही जांच की जानकारियां भी विजिलेंस द्वारा मांगी गई हैं।.
हालांकि, इससे संबंधित कुछ जानकारियां विजिलेंस को दिए जाने की भी खबर सामने आ रही हैं. इस मामले में हाल ही में प्रमुख वन संरक्षक बनाए गए प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल ने कोई जानकारी होने से इनकार किया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए विनोद कुमार सिंघल ने कहा उन्होंने हाल ही में चार्ज लिया है, लिहाजा उन्हें इस मामले की कोई खास जानकारी नहीं है.
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उधर दूसरी तरफ कोमल सिंह पर उनके अब तक के सेवाकाल के दौरान कई आरोप लग चुके हैं. कई मामलों में तो जांच के भी आदेश दिए गए हैं. इन जांच को लेकर अंतिम रूप से क्या हुआ, इसको लेकर वन विभाग की तरफ से कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है. इस बार विजिलेंस जांच को लेकर वन विभाग में खलबली मची हुई है. सहायक वन संरक्षक कोमल सिंह से ईटीवी भारत ने जब बात की तो उन्होंने कहा वन विभाग को उन्होंने अपना जवाब भेज दिया है. उनकी और उनकी पत्नी की कुल संपत्ति की जानकारी उनके द्वारा लिखित रूप से दी गई है.
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वन विभाग से ही एक खबर यह भी आ रही है कि कोमल सिंह को जल्द ही डीएफओ बनाए जाने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में जब किसी अधिकारी के खिलाफ इतनी गंभीर जांच चल रही हो तो उसे ऐसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी क्यों दी जा रही हैं, इसे लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं. इस मामले में कई और भी सवाल भी खड़े हो रहे हैं. हालांकि, अभी इससे संबंधित कोई आदेश नहीं हुआ है. लिहाजा उन्हें डीएफओ बनाए जाने को लेकर तमाम सवाल फिलहाल काल्पनिक ही हैं.