देहरादून: उत्तराखंड दारोगा भर्ती घोटाले 2015-16 (Uttarakhand SI Recruitment scam) में मुकदमा दर्ज होने के बाद जैसे-जैसे विजिलेंस की जांच आगे बढ़ रही हैं, आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. विजिलेंस की कुमाऊं यूनिट पहले ही इस मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी हैं. वहीं, विजिलेंस की रडार पर 40 से 75 दारोगा हैं, जो परीक्षा में धांधली कर 2015-16 में दारोगा बने (Vigilance can arrest sub Inspector) थे.
विजिलेंस की कुमाऊं और गढ़वाल यूनिट इस केस की अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है. विजिलेंस की टीम जांच के लिए यूपी की राजधानी लखनऊ भी गई थी. लखनऊ में टीम को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. सोमवार देर शाम तक टीम देहरादून लौट आएगी.
दारोगा भर्ती घोटाला में जल्द बड़ी कार्रवाई करेंगी विजिलेंस पढ़ें- दारोगा भर्ती घोटाला: विजिलेंस ने सिलेक्शन कमेटी के पूर्व चेयरमैन से 6 घंटे तक की पूछता ओएमआर शीट को नष्ट किया गया:उधर ये भी जानकारी भी निकलकर सामने आ रही है कि पंतनगर यूनिवर्सिटी में ओएमआर शीट नष्ट करने के मामले में भी विजिलेंस आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी कर सकती है. विजिलेंस से मिली जानकारी के अनुसार पंतनगर यूनिवर्सिटी में नियमों के विरुद्ध ओएमआर शीट को नष्ट किया गया था. इस मामले में बड़े पैमाने में घपला सामने आया है.
हल्द्वानी में दर्ज हुआ है मुकदमा:बता दें कि इससे पहले दारोगा भर्ती घोटाले में विजिलेंस की कुमाऊं यूनिट ने बीते दिनों शासन से अनुमति मिलने के बाद यूकेएसएसएससी से जुड़े 12 नकल माफियाओं के खिलाफ हल्द्वानी में मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं अब पुलिस को रडार पर 40 से 75 दारोगा हैं, जिनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की तैयारी का जा रही है. कभी भी विजिलेंस टीम की इन दारोगाओं को गिरफ्तार कर सकती है.
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आरोपियों के खिलाफ जल्द बड़ी कार्रवाई:विजिलेंस एडीजी अमित सिन्हा ने बताया कि ओएमआर शीट कितनी नष्ट की गई है, इस बारे में अभी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है. हालांकि जांच में ओएमआर शीट में गड़बड़ी की बात सामने आई है. विजिलेंस एडीजी के मुताबिक इस मामले में जांच टीम को काफी ठोस सबूत मिले हैं. जिसके आधार पर जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में ओएमआर सीट नष्ट करना ही सवालों के घेरे में है.
क्या है मामला: बता दें कि साल 2015-16 में उत्तराखंड पुलिस ने अलग-अलग यूनिटों के लिए 339 दारोगाओं की सीधी भर्ती की गई थी. हालांकि तभी से भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में है. आरोप लगाया गया था कि दारोगा भर्ती परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी हुई है. बीते दिनों जैसे ही यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की सामने आया और एसटीएफ ने इस मामले की जांच शुरू की तो जांच के दौरान 2015-16 की दारोगा भर्ती परीक्षा में भी बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया.
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एसटीएफ ने दारोगा भर्ती परीक्षा में घपले से जुड़े कुछ अमह सबूत पुलिस मुख्यालय को दिए थे. इन्हीं सबूतों के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने शासन को विजिलेंस से दारोगा भर्ती घोटाले की जांच करने की सिफारिश की थी. प्राथमिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई थी कि दारोगा भर्ती परीक्षा में आंसर की ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई थी और नियुक्तियों में धांधली की थी.
इसके बाद ही शासन ने विजिलेंस की कुमाऊं यूनिट को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे. वहीं, जांच में ये भी सामने आया है कि पंतनगर यूनिवर्सिटी ने ओएमआर शीट नष्ट कर दी है, जो नहीं होनी चाहिए था. क्योंकि ओएमआर शीट को नष्ट करने की एक प्रक्रिया होती है.