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रुड़की: राजा विजय सिंह को उपराष्ट्रपति ने दी श्रद्धांजलि, कहा- शहीदों के पदचिह्नों पर चलना चाहिए - दीक्षांत समारोह उत्तराखंड

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू आज रुड़की पहुंचे. इस दौरान उन्होंने शहीद राजा विजय सिंह को श्रद्धांजलि दी.

Dehradun
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का स्वागत करते सीएम.

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Published : Nov 30, 2019, 7:48 AM IST

Updated : Nov 30, 2019, 5:56 PM IST

रुड़की:उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से शनिवार सुबह देहरादून पहुंचे, जहां सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने उनका स्वागत किया. इसके बाद उपराष्ट्रपति वहां से कुंजा बहादुरपुर गांव पहुंचे. जहां उन्होंने प्रथम क्रांति में प्राणों की आहुति देने वाले राजा विजय सिंह और उनके सेनापति कल्याण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनके साथ सीएम त्रिवेंद्र रावत, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे.

राजा विजय सिंह को उपराष्ट्रपति ने दी श्रद्धांजलि

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इस दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस गांव के शहीदों को नमन करते हुए आशा करता हूं कि भावी पीढ़ी यहां से प्रेरणा लेगी. देश का नागरिक होने के नाते यहां का इतिहास सुनकर यहां आने के भाव जागे. उन्होंने कहा कि आज उन्हें यहां आने का अवसर मिला है. इसके लिए वे अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं. स्वतंत्रता संग्राम से तीन दशक पहले ही यहां के नागरिकों ने विजय सिंह के नेतृत्व में आजादी के लिए बलिदान दिया. उस समय एक हजार लोगों की सेना तैयार करना आसान नहीं था. अंग्रेजों ने जब यहां आक्रमण किया तो उस युद्ध में 40 ब्रिटिश और सैकड़ों यहां के सैनिक मारे गए.

देवभूमि में उपराष्ट्रपति का हुआ जोरदार स्वागत.

यहां के सैनिकों और लोगों को नमन करना चाहता हूं. अंग्रेजों ने राजा विजय सिंह और सेनापति कल्याण सिंह को फांसी दी. आज जो हमें मानवाधिकारों का पाठ पढ़ा रहे हैं उनका इतिहास क्रूर रहा है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि कुंजा बहादरपुर जैसे क्षेत्रों के जिक्र के बिना हमारा इतिहास अधूरा है. उन्होंने कहा कि वे यहां के इतिहास को नमन करते हैं और यहां की वीरगाथाएं इतिहास में होना जरूरी है. उपराष्ट्रपति ने कहा बाहरवीं कक्षा तक पाठ्यक्रम अपनी मातृ भाषा मे होना जरूरी है. मातृ भाषा आंख जैसा अंग है और पराई भाषा चश्मे जैसी है. पहले मातृ भाषा पढ़ो इसके बाद अंग्रेजी चाइनीज कुछ भी पढ़ो. सरकार के गजट और सभी कार्य हिंदी में ही होना चाहिए. मातृ भाषा में शिक्षा प्राप्त करवाना हमारा पवित्र कर्तव्य हैं. देश में हजारों भाषाएं हैं उन्हें भी जिंदा रखना जरूरी है, ताकि संस्कृति जीवित रहे.

लोगों का अभिवादन स्वीकार करते उप राष्ट्रपति.

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि जंकफूड से परहेज करना चाहिए. हमारे देश के अलग अलग प्रांतों में स्वादिष्ट और पौष्टिक खाना है उसे ही खाना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल और मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज मैं बहुत गौरान्वित महसूस कर रहा हूं, मैं पूरे देश मे यहां का जिक्र करूंगा. देश में सबके अंदर भावना होनी चाहिए कि हम सब एक हैं. उन्होंने कहा कश्मीर के मामले में जो संविधान में संसोधन आया वह जरूरी था. दो तिहाई से राज्य सभा और लोक सभा में इसका संसोधन पारित हुआ. अयोध्या मामले में भी देश के लोगों ने एकता दिखाई. इस मौके पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सभा को संबोधित किया.

Last Updated : Nov 30, 2019, 5:56 PM IST

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