देहरादून:कला और साहित्य के संरक्षण को लेकर आयोजित वैली ऑफ वर्ड्स लिटरेचर एंड आर्ट फेस्टिवल का समापन रविवार को हो गया. इस दौरान कई लेखकों, कहानीकारों और साहित्य के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वालों को सम्मानित किया गया. वहीं दूसरी तरफ कला के क्षेत्र में कई स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा दिया गया.
वैली ऑफ वर्ड्स लिटरेचर फेस्ट का हुआ समापन. बता दें कि शिवालिक हिल फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा यह आयोजन पिछले तीन साल से हर साल कराया जा रहा है. पिछले 3 दिनों से देहरादून के राजपुर स्थित राजपुर रोड स्थित एक निजी होटल में यह कार्यक्रम चल रहा था. कला और साहित्य से जुड़े इस फेस्टिवल में इति-कीर्ति, इति-स्मृति और इति-लेख तीन अलग अलग मंचों पर कला और साहित्य से जुड़े विद्वानों ने विचार गोष्ठियां की. इति-कीर्ति मंच पर हथकरगा, स्थानीय उत्पाद, कुटीर उद्योग और उससे जुड़े विषयों पर चर्चा हुई.
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इति-स्मृति मंच पर पर्यटन और कला के क्षेत्र से जुड़ी प्रदर्शनी और उत्तराखंड से जुड़े अहम विषय जैसे कि पर्यटन, वन, सैनिक और तमाम विषयों पर बुद्धिजीवी लोगों ने मंथन किया तो वहीं इति-लेख मंच पर लेखन और साहित्य के क्षेत्र पर विचार गोष्ठियां हुई. इन तीनों मंच के अलावा मुख्य कार्यक्रम स्थल पर भी अलग- अलग महत्वपूर्ण विषय और खास तौर से हिंदी, लेखन, साहित्य, भाषा, और वाद-विवाद के कई सेशन हुए.
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ईटीवी भारत से खास बातचीत में संस्था के ऑनरेरी क्यूरेटर और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के निदेशक संजीव चोपड़ा ने इस फेस्टिवल में भाग लेने वाले साहित्यिक लोगों का आभार जताया. उन्होंने बताया कि अब साहित्य और कला से जुड़े लोग इस तरह के समारोह में रुचि ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस दफा 34 लेखकों में से 7 लोगों को उन्होंने बेहतर लेखन और साहित्य के लिए सम्मानित किया है.