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जानें मसूरी का वैलेंटाइन डे कनेक्शन, पत्र में छुपी है प्यार की कहानी - Mussoorie Merchant The Indian Letters Book

भारत में वैलेंटाइन डे की बात करें तो इसका एक इतिहास है. इसकी एक कहानी है, जिसकी शुरुआत मसूरी से मानी जाती है. मसूरी के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि 'मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स' पुस्तक में लिखे पत्र से साफ हो जाता है कि देश में वैलेंटाइन की शुरुआत 1843 में हुई होगी.

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Published : Feb 14, 2022, 8:18 AM IST

Updated : Feb 14, 2022, 8:41 AM IST

मसूरी: वैलेंटाइन डे (Valentines Day) हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है, जिसे प्यार के इजहार का दिन भी कहा जाता है. वैसे तो प्रेम की कोई सीमा नहीं होती है और यह असीम-अनंत है. लेकिन प्रेमी जोड़ी इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. भारत में वैलेंटाइन डे की बात करें तो इसका एक इतिहास है. इसकी एक कहानी है, जिसकी शुरुआत मसूरी से मानी जाती है. मसूरी के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि 'मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स' पुस्तक में लिखे पत्र से साफ हो जाता है कि देश में वैलेंटाइन की शुरुआत 1843 में हुई होगी.

मोगर मांक ने लिखा था पत्र:मशहूर लेखक और इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने बताया कि इंग्लैंड में जन्मे 'मोगर मॉन्क' उन दिनों मसूरी में जॉन मेकेनन के बार्लोगंज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक थे. इसी दौरान उन्हें 'एलिजाबेथ लुईन' नाम की लड़की से प्यार हो गया. जिसके बाद मोगर मॉन्क ने 14 फरवरी 1843 को मसूरी से एक खत अपनी बहन के नाम इंग्लैंड भेजा था. इस खत में उन्होंने अपनी बहन मारग्रेट को अपनी भावनाओं के बारे में बताया था. मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि वर्ष 1849 में जब मोगर मांक का निधन हुआ तब वह मेरठ में रह रहे थे. वैलेंटाइन डे के दिन लिखे गए उनके इस खत का पता तब चला जब 150 साल बाद मोगर मांक के रिश्तेदार एंड्रयू मोर्गन ने वर्ष 1828 से 1849 के बीच लिखे गए पत्रों का जिक्र मसूरी मर्चेंट इंडियन लेटर्स पुस्तक में किया.

जानें मसूरी का वैलेंटाइन डे कनेक्शन

पढ़ें-वैलेंटाइन डे 2022 : दिल में प्यार जगाते हैं लता मंगेशकर के ये प्यार भरे नग्में, सुनें

'मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स' बुक के अनुसार 'मोगर मांक' ने अपनी बहन को पत्र में लिखा- ‘प्रिय बहन, आज वैलेंटाइन डे के दिन मैं यह पत्र लिख रहा हूं. मुझे एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया है. मैं उसके साथ बहुत खुश हूं. 'वैलेंटाइन डे के दिन लिखे गए पत्र का तब चला जब 150 साल बाद मोगर मॉन्क के रिश्तेदार एंड्रयू मॉर्गन ने 1828 से 1849 के बीच लिखे गए पत्रों का जिक्र 'मसूरी मर्चेंट द इडियंन लैटर्स' पुस्तक में किया. देश में पहली बार प्रेम के इस पत्र का रिकार्ड बुक में दर्ज होने से माना जाता है कि इसी दिन से भारत में वैलेंटाइन डे का आगाज हुआ था.

इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने कहा कि भगवान ने स्वयं प्यार की मिसाल दी है. भारत और अन्य देशों में भी प्यार को लेकर कई मिसाल कायम की जाती है. परंतु वर्तमान परिपेक्ष में प्यार सिर्फ दिखावा हो गया है, उन्होंने कहा कि एक फूल देने से प्यार का महत्व नहीं होता है. अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो उसको जिंदगी में निभाना भी चाहिये.

Last Updated : Feb 14, 2022, 8:41 AM IST

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