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उत्तराखंड के इस बुजुर्ग के सीने में धड़क रहा महिला का दिल, दुनिया से जाते वक्त दे गई नई जिंदगी - देहरादून खबर

41 वर्ष की एक महिला का ब्रेन डेड होना उत्तराखंड के 56 वर्षीय व्यक्ति के लिए "ब्लेसिंग इन डिस्गाइज" साबित हुआ है. महिला का हार्ट अब इस व्यक्ति के शरीर में धड़क रहा है. किसी की मौत किसी का जीवन बन गई है.

दिल्ली साकेत हॉस्पिटल
दिल्ली साकेत हॉस्पिटल

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Published : Dec 28, 2020, 3:09 PM IST

Updated : Dec 28, 2020, 5:23 PM IST

नई दिल्ली/देहरादून:उत्तराखंड के 56 वर्षीय बुजुर्ग का सिर्फ 80 फीसदी ही हार्ट काम कर रहा था. दिला आखिरी स्टेज में पहुंच गया था और कभी भी फेल हो सकता था. तभी देवदूत बनी एक 41 वर्ष की महिला मरणोपरांत अपना हार्ट उन्हें देकर उनकी जान बचा गई. यह मामला है दिल्ली के मैक्स साकेत सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का. गाजियाबाद के वैशाली में यह महिला ब्रेन हेमरेज होने के बाद कोमा में चली गयी थी. फिर कुछ दिनों के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अच्छी बात यह रही कि महिला के परिजनों ने तुरंत अंगदान का फैसला लिया. उनका यह निर्णय पल-पल मौत की तरफ बढ़ रहे 56 वर्षीय बुजुर्ग को एक नई जिंदगी दे गया.

दुनिया से जाते वक्त दे गई एक नई जिंदगी
वैशाली से दिल्ली साकेत अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पहुंचाया गया हार्ट

लॉकडाउन खुलने के बाद निजी अस्पतालों में पहली बार मैक्स साकेत हॉस्पिटल में अब तक दो बार हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है. कुछ दिन पहले गाजियाबाद के वैशाली में एक 41 वर्षीय युवती के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद जब उसके परिजनों ने ऑर्गन डोनेशन का फैसला किया तो मैक्स साकेत हॉस्पिटल में 56 वर्षीय एक बुजुर्ग किसी हार्ट डोनेशन का इंतजार कर रहा था. जैसे ही परिजनों ने ऑर्गन डोनेशन के लिए अपनी सहमति दी मैक्स साकेत अस्पताल की टीम ने इसकी सूचना नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन को दी. इसके बाद साकेत अस्पताल की टीम ने डोनर के पास पहुंचकर हार्ट रिट्रीव किया. वैशाली के मैक्स अस्पताल में किडनी और लीवर किसी दूसरे मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया.

56 वर्षीय व्यक्ति को मिली जिंदगी
केवल 20 फीसदी ही हार्ट रेसिपीएन्ट का हार्ट कर रहा था काम

दिल्ली साकेत हॉस्पिटल में हार्ट ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टर केवल कृष्ण ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि वैशाली में ऑर्गन डोनेशन किया गया है तो तुरंत मैक्स साकेत हॉस्पिटल की टीम को वहां भेजा गया. ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हार्ट दिल्ली साकेत मैक्स हॉस्पिटल लाया गया, जिसे उत्तराखंड के 56 वर्षीय एक ऐसे मरीज के सीने में ट्रांसप्लांट किया गया जिनका हार्ट फेलियर हो गया था. उनका सिर्फ 20 परसेंट ही हार्ट काम कर रहा था. फिलहाल 56 वर्षीय हार्ट रिसिपिएंट को पोस्ट ट्रांसप्लांट केयर में रखा गया है. वह स्वस्थ्य हैं और उनके शरीर में ट्रांसप्लांट किया हुआ हार्ट ठीक से काम कर रहा है.

41 साल की महिला दुनिया से जाते वक्त दान कर गई दिल.
56 वर्षीय बुजुर्ग का हो गया था हार्ट फेल
डॉक्टर केवल ने बताया कि अस्पताल में एक 56 वर्षीय ऐसा मरीज आया जो एंड स्टेज हार्ट फेलियर पीड़ित थे. इनका हार्ट केवल 20 परसेंट ही काम कर रहा था. इसकी वजह से इन्हें काम करने में बहुत दिक्कत हो रही थी. सांस बहुत जल्दी फूलती था. हाथ-पैरों में सूजन रहती थी. जब इनके हार्ट का ईको यानी सोनोग्राफी की गई तो पता चला कि उनके हार्ट का फंक्शन बहुत ही खराब है. लेकिन, कोई डोनर नहीं होने के कारण पिछले दो-तीन महीने से हार्ट ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे थे.
Last Updated : Dec 28, 2020, 5:23 PM IST

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