देहरादून: उत्तराखंड को जल्द ही 245 नए एमबीबीएस चिकित्सक मिलने जा रहे हैं. हालांकि, कोरोना काल में अधिकतर रिक्त पदों पर चिकित्सकों की नियुक्ति हो गई है, लेकिन राज्य में अब भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी बनी हुई है.
उत्तराखंड में एमबीबीएस चिकित्सकों की कमी को सरकार ने अब करीब-करीब पूरा कर लिया है. अधिकतर रिक्त पदों पर एमबीबीएस चिकित्सकों की भर्ती कर ली गई है. वहीं, जल्द ही राज्य को 245 नए एमबीबीएस चिकित्सक भी मिलने जा रहे हैं. यह खबर जहां राज्य वासियों के लिए खुशखबरी है. वहीं, उन युवाओं के लिए थोड़ा परेशानी बढ़ाने वाली है, जो मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं और सरकारी सेवा में जाने की सोच रहे हैं.
दरअसल, कोरोना काल में सरकार ने अधिकतर एमबीबीएस चिकित्सकों की रिक्त पदों पर भर्ती की है. ऐसे में प्रदेश में मेडिकल ढांचे के तहत पदों को भरा जा रहा है. लिहाजा, अब एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले युवाओं को भविष्य में सरकारी सेवा में जगह कैसे मिलेगी ? यह उनके लिए एक चिंता का सबब बन सकता है. हालांकि, इस सब के बावजूद अब भी प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है और राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सक ढूंढने से भी नहीं मिल रहे हैं.
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स्वास्थ्य विभाग से एक अच्छी खबर यह भी है कि राज्य में महामारी एवं आपदा जनित रोगों पर निगरानी, त्वरित रोकथाम व नियंत्रण हेतु इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) द्वारा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, दिल्ली, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालयके सहयोग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 2 से 4 जून तक देहरादून में किया जा रहा है.
कार्यशाला में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने कहा उत्तराखंड भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भूस्खलन, बाढ़, भूकंप सहित विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से ग्रसित रहता है. जिससे संक्रामक, जल जनित व वेक्टर जनित रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया महामारी प्रसारित होने की आशंका रहती है. साथ ही जलवायु परिवर्तन के कारण भी विभिन्न रोगों के फैलने का खतरा रहता है. इन चुनौतियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र दिल्ली और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के सहयोग से पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी.