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मोदी के दोबारा PM बनने से देवभूमि की इन 8 परियोजनाओं पर लगेंगे पंख

नरेंद्र मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं. जिन्होंने अपने 5 साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा उत्तराखंड में दौरे किए. इससे ये बात समझना आसान है कि मोदी उत्तराखंड को कितनी तवज्जो देते हैं और उनके लिए उत्तराखंड कितना खास है. ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर मोदी के प्रधानमंत्री बनने से उत्तराखंड को बेहद फायदा होगा.

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Published : May 25, 2019, 10:20 PM IST

Updated : May 25, 2019, 11:06 PM IST

पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट

देहरादून:उत्तराखंड के लिए नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में दोबारा सत्तासीन होना यूं तो कई मायनों में बेहद फायदेमंद है. लेकिन सूबे में चल रही आठ परियोजनाएं मोदी के प्रधानमंत्री बनने से खासतौर पर सीधे-सीधे प्रभावित होंगी. क्योंकि ये वो आठ परियोजनाएं हैं जो मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है और इन योजनाओं को पूरा करने के लिए मोदी भी खुद अपनी प्रतिबद्धता जता चुके हैं. तो ईटीवी भारत आपको राज्य में चल रही उन 8 परियोजनाओं के बारे में बताने जा रहा है. जो मोदी के महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है. देखिए खास रिपोर्ट...

मोदी के दोबारा PM बनने से होगा देवभूमि का फायदा.
नरेंद्र मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं. जिन्होंने अपने 5 साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा उत्तराखंड में दौरे किए. इससे ये बात समझना आसान है कि मोदी उत्तराखंड को कितनी तवज्जो देते हैं और उनके लिए उत्तराखंड कितना खास है. ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर मोदी के प्रधानमंत्री बनने से उत्तराखंड को बेहद फायदा होगा. खासतौर पर सूबे में चल रहे वो प्रोजेक्टस अब तेजी से आगे बढ़ पाएंगे जो नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता में है. जानिए उन 8 परियोजनाओं को जो मोदी से जुड़ी हैं और भविष्य में प्रदेश के लिए वरदान साबित हो सकती है.

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चारों धामों को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड
उत्तराखंड में नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना चारों धामों को जोड़ती ऑल वेदर रोड है. जो न केवल धार्मिक बल्कि सामरिक और क्षेत्रीय दृष्टिकोण से बेहद अहम है. साल 2016 में मंजूर की गई इस योजना के लिए करीब 11,700 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है. परियोजना के तहत अब तक 90% भूमि हस्तांतरण का काम पूरा किया जा चुका है, जबकि 25% सड़कों के निर्माण भी खत्म किया जा चुका है. दावा किया जा रहा है कि साला 2020 तक ऑल वेदर रोड परियोजना को कंप्लीट कर दिया जाएगा.

केदारपुरी को हाईटेक बनाना
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में कई बार केदारनाथ में पहुंचकर केदार पुरी के बेहतर निर्माण और हाईटेक व्यवस्था को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं. केदारधाम और इसके आसपास के क्षेत्रों को और भी ज्यादा व्यवस्थित करने के मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को उनके एक बार फिर प्रधानमंत्री के रूप में आने से बल मिला है. केदारनाथ में साल 2013 में आई आपदा के बाद भी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने प्राथमिकता दी थी और हाल ही में चुनाव के दौरान केदारनाथ पहुंचकर उन्होंने केदारपूरी को सुरक्षित और बेहद हाईटेक बनाने की इच्छा जाहिर की थी. यूं तो केदारनाथ मैं विकास को लेकर काफी हद तक काम किए जा चुके हैं लेकिन अभी बकौल मोदी इसको और बेहतर करने की जरूरत महसूस की गई थी. ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि केदारपुरी के उनके ड्रीम प्रोजेक्ट को बल मिलेगा और यहां हो रहे पुनर्निर्माण के काम में और भी तेजी आएगी.

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना
उत्तराखंड के लिए बेहद खास ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना को भी नरेंद्र मोदी के एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने से बल मिलेगा. दरअसल, नरेंद्र मोदी भी इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने की पक्षधर है और ऐसे में माना जा रहा है कि उनके इस कार्यकाल के दौरान परियोजना में खासी तेजी आ सकेगी. फिलहाल 4295 करोड़ की इस रेल परियोजना में 84% मुआवजा अधिग्रहित भूमि को लेकर दिया जा चुका है जबकि, रिसेटेलमेंट और रिहैबिलिटेशन पॉलिसी भी बनाई जा चुकी है. हालांकि, इस परियोजना में सर्वे के बाद काफी हद तक काम आगे बढ़ाया जा चुका है. मौजूदा स्थितियों में परियोजना के अब और भी तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है.

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भारतमाला परियोजना के तहत सड़क निर्माण
देशभर के लिए चलाई गई इस परियोजना का उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में बेहद ज्यादा महत्व है. इस परियोजना को लेकर उत्तराखंड में 10,000 करोड़ रुपए मंजूर किए जा चुके हैं. इसके तहत उत्तराखंड में 570 किलोमीटर सड़क बनाई जानी है. इसमें 94 किलोमीटर की सड़क 2000 करोड़ की लागत से बैजनाथ, थराली और कर्ण प्रयाग के लिए बननी है. 1200 करोड़ की लागत से 147 किलोमीटर सड़क अस्कोट, धारचूला, मालपा लिपुलेख के लिए बननी है. 4500 करोड़ की लागत से बैजनाथ- बागेश्वर -कपकोट- मुनस्यारी- सेराघाट -जौलजीबी के लिए 216 किलोमीटर सड़क बननी है. साथ ही 1000 करोड़ की लागत से माना- मूसापानी -मानापास के लिए 51 किलोमीटर सड़क बननी है. जबकि, 63 किलोमीटर की सड़क 1000 करोड़ की लागत से जोशीमठ और मलारी के लिए बनाई जानी है.

नमामि गंगे परियोजना को भी मिलेगी ताकत
मां गंगा और उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता को लेकर चलाए गए नमामि गंगे परियोजना को भी मोदी के प्रधानमंत्री बनने से बल मिलेगा और इसमें तेजी आएगी इसके तहत गोमुख से हरिद्वार तक स्वीकृत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने को लेकर काम अंतिम रूप तक पहुंचाया जाएगा. हालांकि, गंगा में गिरने वाले नालों को टेप करने का काम पहले ही करीब-करीब समाप्ति की तरफ है. लेकिन इससे आगे बढ़कर अब गंगा को स्वच्छ करने के लिए अगले चरण के कामों को भी गति मिलेगी.

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पारंपरिक कृषि विकास योजना
मोदी के एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने से किसानों को भी लाभ मिल सकेगा इसमें खासतौर पर पारंपरिक खेती और सहकारिता के तहत मिलने वाले फायदे को किसानों तक पहुंचाया जा सकेगा. यह माना जा रहा है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से इन योजनाओं में तेजी आएगी. इसमें जहां पहले ही सहकारिता में 36 सौ करोड़ की योजना को मंजूर कर कृषि की गतिविधियों को तेज किया गया है. वहीं, 1000 क्लस्टर विकसित करने के लिए 1500 करोड़ की योजना उत्तराखंड में दी गई है. इसके तहत 400 करोड़ का बजट पहले चरण में रिलीज किया जा चुका है.

देहरादून हरिद्वार और ऋषिकेश में मेट्रो प्रोजेक्ट पर बढ़ेगी बात
उत्तराखंड के पहले मेट्रो प्रोजेक्ट को भी मोदी के प्रधानमंत्री बनने से कहां से फायदा होगा ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार की मदद से ही इस परियोजना को उत्तराखंड में लाने की तैयारी की जा रही है. इसमें डीपीआर तैयार हो चुकी है और सरकार जल्द एलआरटी सिस्टम को उत्तराखंड में लाने की कोशिश कर रही है. साल 2017 में इस योजना को शुरू किया गया था और करीब 15 सौ करोड़ की लागत से अब इस योजना के तहत पहली बार देहरादून-हरिद्वार-ऋषिकेश को मेट्रो की सौगात देने की कोशिश की जा रही है.

पंचेश्वर बांध पर भी अब आगे बढ़ेगी बात
पंचेश्वर बांध बनाया जाना भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. हालांकि, इस प्रोजेक्ट में भारत समेत नेपाल भी भागीदार है और काली नदी पर बनने वाले इस बांध के लिए काफी हद तक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा चुका है. लेकिन, अब मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस प्रोजेक्ट में आ रही दिक्कतों को दूर किए जाने की संभावना है. इस प्रोजेक्ट में उत्तराखंड को 13% बिजली मिल पाएगी. वहीं, 6 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई के लिए भी इस परियोजना से पानी मिल सकेगा. इस बांध को 4800 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता का बनाया जाएगा. बहरहाल, उत्तराखंड में यह 8 परियोजनाएं राज्य के लिए बेहद खास है और अब मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इन परियोजनाओं में तेजी आने की भी उम्मीद है.

Last Updated : May 25, 2019, 11:06 PM IST

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