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अब तय समय पर पूरी होगी विजिलेंस जांच, एजेंसी के रडार पर कई बड़े अफसर

Vigilance set time limit for investigation उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर रोकथाम का जिम्मा विजिलेंस को दिया गया है. इस दौरान ऐसे कई मामले हैं जिनकी विजिलेंस लंबे समय से जांच भी कर रही है. लेकिन अब विजिलेंस ने ऐसे सभी मामलों की जांच के लिए समय सीमा निर्धारित कर ली है. बड़ी बात है कि इन जांचों में कई बड़े अफसरों के नाम भी शामिल हैं.

V Murugesan
वी मुरुगेशन

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 12, 2023, 10:48 PM IST

देहरादून: विजिलेंस जांच की रिपोर्ट के लिए शासन को अब लंबा इंतजार नहीं करना होगा. उत्तराखंड में भ्रष्टाचार या दूसरे मामलों को लेकर जांच करने वाली विजिलेंस ने अपना नया खाका तैयार किया है, जिसके अनुसार विजिलेंस के पास मौजूद विभिन्न जांचों को तय समय सीमा पर पूरा किया जाएगा.

बता दें कि विजिलेंस के पास अभी दो दर्जन से भी ज्यादा मामले ऐसे हैं जिन पर विभागीय अधिकारी जांच कर रहे हैं. कई मामले ऐसे भी हैं जो काफी लंबे समय से विजिलेंस की जांच के दायरे में बने हुए हैं. लेकिन अब इन पर रिपोर्ट शासन को नहीं भेजी जा सकी है. इस तरह देखा जाए तो विजिलेंस पर विभिन्न नई जांचों के आने के कारण काफी ज्यादा दबाव है. ऐसे में ईटीवी भारत से बात करते हुए विजिलेंस निदेशक वी मुरुगेशन ने बताया कि उनके द्वारा विभाग के अधिकारियों को जांच तेज करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं और जिन जांचों को फिलहाल किया जा रहा है. उनके लिए समय सीमा भी तय कर दी गई है.

विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर जारी: प्रदेश में विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर 1064 भी जारी किया गया है. ताकि राज्य में भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतें मिलने के बाद फौरन इस पर कार्रवाई की जा सके. उधर दूसरी तरफ विजिलेंस के निशाने पर कई बड़े अधिकारियों के होने की भी खबर है. जानकार कहते हैं कि कुछ मामलों में तो विजिलेंस ने शासन से खुली जांच की अनुमति भी मांगी है, जिसकी अनुमति मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी को देनी है.
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विजिलेंस पर पुराने जांचों का दबाव बढ़ा: राज्य में विजिलेंस के पास अभी करीब दो दर्जन से ज्यादा मामले जांच के लिए पेंडिंग है. हालांकि इस पर विजिलेंस जांच को आगे बढ़ा रही है. लेकिन उनकी रफ्तार को तेज करने की भी जरूरत महसूस की गई है. उधर दूसरी तरफ खबर ये है कि विजिलेंस के पास लगातार नई शिकायतें भी आ रही है और ऐसे में नए मामलों को हैंडल करने के लिए पुराने मामलों पर जल्द से जल्द रिपोर्ट तैयार करने का भी विजिलेंस पर दबाव है. ऐसे मामलों में विजिलेंस अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेजती है और इसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाती है. बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई या मुकदमा करने से पहले शासन की अनुमति लेनी होती है और उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाती है.

लेकिन इन सभी स्थितियों के बीच अच्छी बात यह है कि विजिलेंस निदेशक ने अब मौजूदा जांचों को समय सीमा पर पूरा करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि जिन बड़े मामलों पर विजिलेंस काफी लंबे समय से जांच कर रही थी, उन पर जल्द ही नतीजा सामने आ सकेंगे.

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